Jharkhand News: राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में पिता समेत दो सगे भाइयों को उम्रकैद, जुर्माना राशि जमा नहीं करने पड़ बढ़ेगी सजा
Kailash Yadav murder case राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा चार अन्य धाराओं में तीन साल से लेकर एक साल तक की सजा दी गई हैं। सभी सजा साथ साथ चलेगी। सजा पाने वालों में सुखदेव राय उसका बेटा राजेश राय बिक्की राय और जनार्धन राय शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। राजद नेता कैलाश यादव हत्याकांड में प्रधान जिला जज वीणा मिश्रा की अदालत ने चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके अलावा चार अन्य धाराओं में तीन साल से लेकर एक साल तक की सजा दी गई हैं। सभी सजा साथ साथ चलेगी। सजा पाने वालों में सुखदेव राय, उसका बेटा राजेश राय, बिक्की राय और जनार्धन राय शामिल हैं।
वही न्यायालय ने सभी को दस दस हज़ार रुपये जुर्माना जमा करने का भी आदेश दिया है। जुर्माना राशि जमा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा कारावास में काटनी होगी।
न्यायालय ने चारों को बीते 21 दिसंबर को हत्याकांड में दोषी करार दिया था। वहीं, जेल में बंद एक आरोपित बिनोद राय को पर्याप्त साक्ष्य के आभाव में रिहा कर दिया गया था। इसके पूर्व न्यायालय में सजा की बिंदु पर सुनवाई हुई।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता दीपक कुमार ने कहा यह मामला अधिकतम सजा के श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने न्यूनतम सजा देने की अपील की। पीपी गोरखनाथ सिंह ने कड़ी सजा की वकालत करते हुए कहा कि राजेश राय पर पूर्व में हत्याकांड का दोष सिद्ध हो चुका है।
कड़ी सजा ही समाज मे शांति का मिसाल बनेगी। न्यायालय ने दोनों पक्षो की दलीलें सुनने के बाद सजा सुनाया। घटना बेंगाबाद थाना क्षेत्र के मोतिलेदा गांव की 25 अगस्त 2020 की हैं।
कैसे हुई थी कैलाश यादव की हत्या
बेंगाबाद थाना अंतर्गत मोतीलेदा दलित टोला स्थित बीच सड़क पर 25 अगस्त 2020 की में रात हरवे हथियार से लैस 25 से 30 अपराधियों ने राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा पर हमला कर दिया था। घेरकर दोनों पर लाठी-डंडे से प्रहार किया गया था। इस हमले में कैलाश यादव की मौत हो गई जबकि इंद्रलाल वर्मा बुरी तरह से जख्मी हो गए। उसे पीएमसीएच धनबाद में भर्ती कराया गया है। हमलावरों में आधा दर्जन लोगों की पहचान की गई थी।
मृतक कैलाश यादव के छोटे भाई छोटेलाल यादव ने उनकी पहचान की थी जिनमें सुखदेव राय, राजेश राय, मुकेश राय, बिक्की राय, जनार्दन राय, बिनोद राय व एक नाबालिग रिस्तेदार शामिल थे। सभी रात करीब ग्यारह बजे राजद नेता कैलाश यादव एवं भाजपा नेता इंद्रलाल वर्मा बुलेट से मोतीलेदा स्थित अपने आवास जा रहे थे।
इसी क्रम में मोतीलेदा के दलित टोला के पास पहले से घात लगाए बैठे लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। घेरकर कैलाश यादव को पीट-पीटकर मार डाला। दोनों की चीख सुनकर आसपास के लोग जब निकले तो हमलावर भाग गए।
इसके बाद दोनों को रात में ही गिरिडीह सदर अस्पताल लाया गया। गंभीर हालत देख डाक्टर ने दोनों को पीएमसीएच धनबाद रेफर कर दिया था। धनबाद ले जाने के क्रम में रास्ते में ही कैलाश यादव की मौत हो गई।
जख्मी इंद्रलाल की गवाही बना हत्या साबित होने का अहम साक्ष्य
इस मामले में अभियोजन के तरफ से पीपी गोरखनाथ सिंह और उनका सहयोग कर रहे अधिवक्ता बिपिन कुमार यादव ने 14 गवाहों का परीक्षण कराया व बहस की थी। जिनमें जख्मी इंद्रलाल वर्मा की गवाही काफी अहम रही। इस घटना में इंद्र लाल मार खाने से घायल हुए थे।
वह कैलाश के साथ बेंगाबाद थाना से वापस लौट रहे थे। जिसने घटना को देखा व जख्मी हुए। इसके अलावा स्थानीय ग्रामीण,चिकिसक और पुलिस की गवाही केस साबित करने में मुख्य भूमिका निभाई। बचाव पक्ष से वरीय अधिवक्ता दीपक कुमार और नागेंद्र राय ने बहस की थी।
यह भी पढ़ें
Bihar News: शीत लहर कब चलती है, बच्चों के लिए कितना खतरनाक? पढ़ें इससे बचाव के उपाय