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अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को ग्रामीणों ने लौटाया

पुलिस ने मामला को शांत कराया। मौके पर मुखिया साव ने प्रबंधन की ओर से आए कर्मचारी व प्रशासन से बात करते हुए कहा कि यह अतिक्रमण हटाना सरासर गलत है। सीसीएल प्रबंधन की ओर से टारगेट कर यहां के गरीब गुरबा ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है।

By bk DasEdited By: Mohammed AmmarUpdated: Sat, 26 Nov 2022 09:20 PM (IST)
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protest of villagers in kailibad on removal encroachment
संवाद सहयोगी, बनियाडीह (गिरिडीह) : महेशलुंडी पंचायत के कैलीबाद गांव में सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने गई सीसीएल और मुफस्सिल पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। शनिवार दोपहर लगभग साढे तीन बजे सीसीएल प्रबंधन व मुफस्सिल पुलिस दल कैलीबाद गांव निवासी पवन मंडल के अर्धनिर्मित आवास को ध्वस्त करने जेसीबी को लेकर पहुंची। इसकी सूचना मिलने पर मुखिया शिवनाथ साव की अगुवाई में ग्रामीण गोलबंद होकर हंगामा करने लगे। दोनों ओर से बहसबाजी भी शुरू हो गई।

पुलिस ने मामला को शांत कराया। मौके पर मुखिया साव ने प्रबंधन की ओर से आए कर्मचारी व प्रशासन से बात करते हुए कहा कि यह अतिक्रमण हटाना सरासर गलत है। सीसीएल प्रबंधन की ओर से महेशलुंडी पंचायत को टारगेट कर यहां के गरीब गुरबा ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है। पूरे महेशलुंडी पंचायत को ईस्ट इंडिया कंपनी के समय से बसाया गया है। इसके लिए सीसीएल ने खुद खपड़े, रोला आदि सामग्रियों को देकर उनका घर बनवाया था, ताकि लोग गांव में बसे यहां के लोग अतिक्रमणकारी नहीं हैं। कहा कि इन्हीं लोगों के पूर्वजों की जमीनों पर आज सीसीएल माइनिंग कर रही है। बहुत ही लोग ऐसे भी हैं जिन्हें आज तक सीसीएल की ओर से कोई भी मुआवजा नहीं दिया गया है। यह भी कहा कि जिस व्यक्ति की जमीन पर प्रबंधन जेसीबी चलाने आया था वहां पहले से ही मिट्टी का घर बना हुआ था जिसे तोड़कर पक्का घर बनाया जा रहा था।

ग्रामीणों ने का कहना था कि पूरा महेशलुंडी पंचायत सीसीएल की जमीन पर बसी हुई है। यदि सीसीएल प्रबंधन हम लोगों को यहां से हटाना चाहता है तो सर्वप्रथम हमारे वोटर कार्ड, हमारे आधार कार्ड व सभी तरह की सरकारी सुविधाओं को बंद करें। कहा कि कानून सभी के लिए बराबर होना चाहिए। जब सीसीएल जमीन पर सरकारी भवन बन सकता है तो फिर हमारे आवास क्यों नहीं बन सकता। प्रधानमंत्री आवास को सीसीएल में बनाने का निर्देश दिया है। तो दूसरी ओर सीसीएल की ओर से उसे तोड़ने का आदेश यह कैसा नियम है।

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