कंटेनरों में ठूंस-ठूंसकर बिहार से बंगाल के रास्ते बांग्लादेश तक गाेवंश तस्करी, पुलिस की कार्रवाई से तंग तस्कर अब बदल रहे रास्ता
झारखंड के गिरिडीह जिले में गोवंशों की तस्करी पर नकेल कसने को चौतरफा वार किया जा रहा है। बिहार से गोवंशाें को औने-पौने दामों में खरीदकर तस्कर उन्हें कंटेनर में ठूंसकर जीटी रोड के माध्यम से पश्चिम बंगाल व बांग्लादेश तक पहुंचाते हैं। हालांकि इन दिनों पुलिस कार्रवाई से आजिज गोवंश तस्करों ने अपने कारोबार का रास्ता बदल दिया है लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है।
तस्कर बदलने लगे हैं अपने रास्ते
पचंबा व मधुबन में सुरक्षित रखे गए हैं मुक्त गोवंश
तस्करी के लिए ले जाए जा रहे गोवंशों को मुक्त कराने के बाद उन्हें सुरक्षित रखा गया है। इनमें बरामद गोवंशों में से करीब 65 प्रतिशत गोवंश पचंबा गोशाला व शेष गोवंश मधुबन गोशाला में रखे गए हैं। उन्हें तस्करों से मुक्त कराने से पहले गोवंशों की स्थिति देखकर काफी रूह कांप जाती है कि किस निर्दयता के साथ इनकी तस्करी करने में तस्कर शामिल रहते हैं।सरगना मुन्ना हो या कारोबारी अमजद, कोई नहीं बचेगा
क्रूरता के साथ वाहन में ठूंसे जाने से करीब 60 गोवंशों की मौत
जिले में पिछले कई माह से चलाई जा रही गोवंश तस्करी के खिलाफ अभियान में पुलिस लगातार सफल रह रही है। लेकिन पुलिस की ओर से बरामदगी से पहले ही कई गोवंश तस्करों की क्रूरता से ले जाए जाने के क्रम में दम भी तोड़ दिया है। इसमें करीब 55 से 60 गोवंश शामिल हैं। वाहनों में तस्कर गोवंशाें को ठूंसकर कारोबार को अंजाम देते हैं। नतीजा कई गोवंश दम तोड़ देते हैं।तस्करों ने निकाला है नया फार्मूला
गोवंश तस्करों ने तस्करी को लेकर एक नया फार्मूला निकाला है ताकि पुलिस को चकमा देकर तस्करी को अंजाम दिया जा सके। इसके तहत अब गोवंश तस्कर वाहनों में सामने में दो दुधारू गाय को रख देते हैं, जबकि उसके पीछे अन्य गाय व बैल को ठूंस कर रख जाता है ताकि पुलिस अगर पकड़े भी तो सामने दुधारू गाय को देख कर छोड़ दे और तस्कर अपने मुहिम में कामयाब हो जाएं।ट्रांसपोर्टेशन ऑफ एनिमल रूल्स का खुलेआम उल्लंघन
वैसे अवैध गोवंश तस्करी पूरी तरह गलत कार्य है। इसमें ट्रांसपोर्टेशन आफ एनिमल रूल्स की धारा 96 का खुलेआम उल्लंघन किया जाता है। ये तो वैसे भी पूरी तरह से अवैध है। लेकिन जो दुधारू गाय को भी एक स्थान से दूसरे स्थान वैध तरीके से ले जाते हैं, वे भी इस धारा की उल्लंघन करते हैं। गोवंशों को संरक्षित करने के लिए पशु क्रूरता संरक्षण अधिनियम भी लागू किया गया है जिसमें कई प्रकार की जानकारियां दी गई है।इन रास्तों का किया जा रहा था उपयोग
गोवंश तस्करी में शामिल तस्कर वैसे तो जीटी रोड़ को ही पहले सुरक्षित रास्ता मानते थे लेकिन अब वे पुलिसिया कार्रवाई के आगे घुटने टेकते हुए रास्ते भी बदलने लगे हैं।इसके तहत पहले बरही होते हुए गोरहर, बगोदर, डुमरी, निमियाघाट, तोपचांची होते हुए धनबाद या कोलकाता, दूसरा रूट कोडरमा के जयनगर होते हुए बिरनी, सरिया, बगोदर, डुमरी, निमियाघाट होते धनबाद या कोलकाता जबकि इसके बाद सेरौन मोड़ होते देवरी, धनवार होते हुए छोटे रास्ते को चुना गया। इन सब पथों पर एक-एक कर पुलिसिया कार्रवाई से शिकंजे में आते गए। अब ये गोवंश तस्कर ब्रांच सड़कों का चयन किया है ताकि पुलिस की टीम को चकमा देते हुए अवैध करोबार में सफल हो सकें लेकिन गिरिडीह पुलिस अवैध करोबार पर लगाम लगाने को लेकीर इस कदर चाल चली है कि अवैध कारोबारियों को पुलिस के आगे मुंह की खानी पड़ रही है।जिले में पिछले चार माह के दौरान बरामद गोवंश, जब्त वाहन व गिरफ्तार कारोबारी का आंकड़ा
क्रम संख्या | थाना | बरामद गोवंश | जब्त वाहन | गिरफ्तार तस्कर |
01 | अहिल्यापुर | 152 | 17 | 18 |
02 | बेंगाबाद | 38 | 06 | 05 |
03 | जमुआ | 06 | 01 | 02 |
04 | बिरनी | 70 | 05 | 11 |
05 | बगोदर | 176 | 12 | 22 |
06 | डुमरी | 08 | 01 | 00 |
07 | पंचबा | 01 | 01 | 01 |
08 | निमियाघाट | 119 | 04 | 09 |
09 | तिसरी | 26 | 06 | 00 |
10 | गावां | 19 | 01 | 03 |
11 | देवरी | 103 | 13 | 11 |
12 | घोड़थंबा | 02 | 01 | 02 |
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