Jharkhand News: गोड्डा सदर अस्पताल में बड़ी चूक, डॉक्टर की जगह नर्स ने किया ऑपरेशन; प्रसूता की चली गई जान
झारखंड के गोड्डा में सदर अस्पताल में प्रसूता की इलाज के दौरान मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार चिकित्सक की गैर मौजूदगी में ड्यूटी पर तैनात नर्स प्रसूता की इलाज कर रही थी। ऑपरेशन कर नवजात को गर्भ से तो निकाल लिया लेकिन प्रसूता की जान नहीं बचा सकी। घटना रविवार की देर रात सदर अस्पताल के लेबर वार्ड की है।
जागरण संवाददाता, गोड्डा। सदर अस्पताल में प्रसव के बाद चिकित्सक की गैर मौजूदगी में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने प्रसव के दौरान छोटा ऑपरेशन कर नवजात को गर्भ से तो निकाल लिया, लेकिन प्रसूता की जान नहीं बची। 22 वर्षीय प्रतिमा कुमारी की मौत हो गई। घटना रविवार की देर रात सदर अस्पताल के लेबर वार्ड की है। महिला का मायका पथरगामा थाना क्षेत्र के चिलोना गांव में है, जबकि ससुराल भागलपुर जिला के पत्थलकट्टी गांव था।
जानकारी के अनुसार, रविवार की सुबह करीब 11 बजे छोटा ऑपरेशन से उक्त महिला को बच्ची हुई। सदर अस्पताल में विशेषज्ञ महिला चिकित्सक नहीं है। जेनरल फिजिशियन डॉ. राजेंद्र भगत ने महिला की बीपी आदि की जांच कर ड्यूटी में तैनात नर्स को सामान्य प्रसव कराने का निर्देश दिया था।रविवार को अस्पताल के रोस्टर चार्ट के अनुसार, रीना बेसरा, सांत्वना कुमारी और सोनमय मरांडी की तीन अलग अलग शिफ्ट में ड्यूटी थी। लेबर वार्ड में महिला के प्रसव के दौरान ऑन ड्यूटी नर्स ने छोटा ऑपरेशन कर नवजात को निकाल लिया, लेकिन इसके बाद प्रसूता का रक्त स्राव नहीं रुका। इससे देर रात प्रसूता की मौत हो गई।
मामले को लेकर स्वजनों ने क्या बताया
स्वजनों ने बताया कि प्रसूता प्रतिमा कुमारी के अत्यधिक रक्त स्राव की जानकारी भी नहीं दी गई। स्वजनों का कहना है कि विशेषज्ञ चिकित्सक की अनुपस्थिति में नर्स ने छोटा आपरेशन कर गलत नस काट दी जिससे प्रतिमा की मौत हुई। स्वजनों की ओर से बताया गया कि देर रात नर्स ने दवा की पर्चा बनाकर समीप के दुर्गा मेडिकल स्टोर से दवाई भी मंगवाई।
उक्त सारी घटना के बाद रात्रिकालीन सेवा में मौजूद चिकित्सक डॉ. प्रशांत मिश्रा को प्रसव वार्ड में बुलाया गया, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। डाक्टर ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया।
डिलीवरी के बाद नर्स ने मांगे 5000 रुपये
ऑन ड्यूटी नर्स ने डिलीवरी के दौरान 5000 रुपये की डिमांड भी की थी। गरीब पेशेंट के स्वजनों ने एक हजार रुपए दिया तो नर्स का चेहरा तमतमा गया। स्वजन कहते हैं कि उसके बाद मरीज की देखभाल में नर्स की ओर से लापरवाही बरती गई।
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आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सदर अस्पताल में मरीज के स्वजनों से होती उगाही
सदर अस्पताल में प्रसूता की मौत के बाद स्वजनों ने जमकर हंगामा किया। मौके पर मौजूद जिला परिषद अध्यक्ष के प्रतिनिधि सूरज कुमार सिंह ने कहा कि सदर अस्पताल की व्यवस्था काफी अराजक है। यहां मरीज के स्वजनों से अवैध तरीके से रुपये की उगाई की जाती है। इसमें प्रसव वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, एसएनसीयू और कैजुअल वार्ड से सर्वाधिक शिकायतें मिलती है। मालूम हो कि सदर अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सा पदाधिकारी की ओर से समय-समय पर एएनएम सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को हिदायत भी दी जाती है। व्यवस्था में सुधार के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से ड्यूटी में रोटेशन भी किया जाता है। बाबजूद सदर अस्पताल में मरीज के स्वजन से रुपए वसूलने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।प्रसूता की मौत की घटना के बाद पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। इसमें पथरगामा के चिकित्सा पदाधिकारी डा मोहन पासवान, पोड़ैयाहाट के डा रमेश कुमार और डीपीएम प्रीतम दत्ता शामिल है। जांच कमेटी को 72 घंटे में रिपोर्ट देनी है। इसके आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।ये भी पढ़ें- आखिर कहां गया तेंदुआ? कदमा-सोनारी में भी नहीं चला पता, हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर ये बोल रहे लोगप्रसव वार्ड में ऑपरेशन केस में संबंधित नर्स को डीएस के माध्यम से बाहर से डॉक्टर बुलाने की व्यवस्था है। इस केस में यह बड़ी चूक है। सदर अस्पताल में विशेषज्ञ महिला चिकित्सक नहीं रहने से आए दिन परेशानी हो रही है।- डॉ. अनंत कुमार झा, सिविल सर्जन, गोड्डा।
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