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Jharkhand Weather: सर्द हवाओं ने बढ़ाई कनकनी, शीत लहर नववर्ष के जश्न में डाल सकती है खलल

Jharkhand Weather बीते तीन दिनों में गोड्डा में चार डिग्री पारा गिर चुका है। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री हो गया है। सर्द हवाएं चलने से ठंड बढ़ गई है। मौसम विभाग के अनुसार नए साल में शीत लहर नववर्ष के जश्न में खलल डालेगी।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sat, 31 Dec 2022 11:20 AM (IST)
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सर्द हवाओं ने झारखंड में ठंड बढ़ा दी है

जागरण संवाददाता, गोड्डा: नए साल में ठंड का कहर देखने को मिलेगा। बीते तीन दिनों में यहां चार डिग्री पारा गिर चुका है। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री हो गया है। वहीं सर्द हवाएं चलने से ठंड बढ़ गया है। मौसम विभाग की माने तो नए साल में शीत लहर लोगों को नववर्ष के जश्न में खलल डालेगी।

पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से सर्दी अपना रूप दिखा रही है। कोहरे की चादर पिछले एक सप्ताह से पूरे जिले को ढके हुई है। अगले दो दिन में इसमें हल्की बढ़ोतरी का अनुमान है। बीते 29 दिसंबर को यहां सबसे कम तामपान 7.7 डिग्री रिकार्ड किया गया। अचानक पारा चार डिग्री घटा था।

अभी कुछ दिन और सताएगी कड़ाके की ठंड

मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 31 दिसंबर को ठंड और बढ़ेगी। शीत लहर का दौर भी शुरू होगा। पारा गिरने और शीतलहर चलने से कड़ाके की ठंड के बीच ही लोग नए साल का आगाज करेंगे। इस बीच अल सुबह से कोहरे के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार थम गई है।

गुरुवार और शुक्रवार को कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी भी हुई। जिले में सुबह के समय कोहरे के बाद दिन के दस बजे के बाद ही धूप खिल रही है। मौसम विभाग की माने तो अभी अगले पांच दिनों तक तापमान में बदलाव की संभावना नहीं है। रात के तापमान में हल्के उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। इधर, पड़ रही कड़ाके ठंड के बीच लोग अपने घरों में दुबक गए हैं।

गांव में अलाव के सहारे जनजीवन का समय कट रहा है। किसानों और मजदूरों के लिए इस समय अधिक परेशानी हो रही है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 23.7 तथा न्यूनतम तापमान 8.3 डिग्री रिकार्ड किया गया। वहीं बीते 29 दिसंबर को अधिकतम तापमान 23.4 तथा न्यूनतम 7.7 डिग्री रहा।

ठंड से इस तरह बचाएं रबी फसल

मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे रबी फसलों के लिए खेतों में नमी कम होने नहीं दें। निश्चित अंतराल पर सिंचाई कर नमी बनाए रखें अन्यथा ठंड के कारण उपज में कमी हो सकती है। तापमान में गिरावट और उतार-चढ़ाव की वजह से फसलों में बीमारी और कीट के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।

पशुपालकों को अपने पशुओं पर विशेष निगरानी रखने की हिदायत दी गई है। मौसम विज्ञान विभाग के डा रजनीश प्रसाद ने बताया कि आलू की फसल को पाला से बचाने के लिए शाम के समय हल्की सिंचाई करने की आवश्यकता है।

रेडोमिल गोल्ड एक ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बना कर हवा की दिशा में छिड़काव करने से आलू की फसल को फायदा होगा।

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