झारखंड में सदिंग्ध बीमारी की वजह से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत हो चुकी है। एक के बाद हुई चार मौतों से इलाके में दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलने के बाद डॉक्टरों की जांच टीम गांव में कैंप कर रही है। मरने वालों में एक ही परिवार के मां उनकी दो पुत्री और एक भतीजी सहित चार लोग शामिल हैं।
संवाद सहयोगी, पोड़ैयाहाट (गोड्डा)। झारखंड के गोड्डा जिले में पोड़ैयाहाट प्रखंड के सलगाटांड़ गांव में संदिग्ध बीमारी से एक सप्ताह में एक ही परिवार के मां, उनकी दो पुत्री व एक भतीजी सहित चार पीड़ितों की मौत हो गई।
मृतकों में 40 वर्षीय उर्मिला देवी, उनकी पुत्री 11 वर्षीय उमा कुमारी, 13 वर्षीय गीता कुमारी, उनकी भतीजी 12 वर्षीय मालती कुमारी का नाम शामिल है।घटना से पूरा गांव सदमे में है। लोगों में दहशत का माहौल है। घटना की जानकारी मिलने के बाद पोड़ैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य टीम गांव में कैंप कर रही है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि सलगाटांड़ गांव की गोपी सिंह की 40 वर्षीय पत्नी उर्मिला देवी की तबीयत खराब होने पर उन्हें बिहार के बौंसी इलाज के लिए ले जाया गया था। वहां इलाज के बाद उन्हें देवघर रेफर कर दिया गया।देवघर में इलाज के बाद उन्हें एम्स रेफर किया गया। अंत में उनकी मौत 29 जुलाई को हो गई थी। उसके बाद उर्मिला देवी की भतीजी व जदवी सिंह की 12 वर्षीय पुत्री मालती कुमारी की तबीयत खराब हुई। उसकी मौत दो अगस्त को हो गई।
चार अगस्त को 11 वर्षीय उमा कुमारी की तबीयत खराब होने से उसकी मौत हो गई। मंगलवार को 13 वर्षीय गीता कुमारी की भी मौत हो गई। गीता की तबीयत खराब होने पर उन्हें एक निजी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था।आधी रात में चिकित्सक ने मरीज के स्वजनों को जवाब दे दिया गया। घर लाने के क्रम में रास्ते में ही उसकी मौत मंगलवार को हो गई। सभी में एक ही सामान्य लक्षण बताया जाता है कि सर में दर्द, पेट में दर्द और बुखार आना बताया गया।
स्वास्थ्य टीम पूरे गांव में कैंप करके जांच कर रही है। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि उसकी मौत किस बीमारी कारण से हुई है।परिवार के बांकी तीन सदस्य व पूरे गांव के जब आरडीटी टेस्ट की गई तो सभी नेगेटिव पाया गया। ऐसे में डॉक्टरों को भी आश्चर्य हो रहा है कि आखिर मलेरिया पीएफ सिर्फ उसी चार लोगों को था। बाकी किसी को नहीं है। हालांकि, स्लाइड लिया गया है। जिसकी प्रयोगशाला में जांच की जाएगी। तभी इस बात की पुष्टि हो पायेगी।
सकती थी बाकी की जान
इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि सहिया ने पूरे मामले की जानकारी अपने तक ही सीमित रखी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ साझा नहीं किया। जिसका परिणाम यह हुआ कि बाकी सदस्यों की भी जान चली गई।लोगों ने बताया कि दूसरे व्यक्ति की मौत के बाद अगर स्वास्थ्य केंद्र को इस बात की जानकारी दी जाती है। तो पूरे स्वास्थ्य महकमा रेस में आता और बाकी दो किशोरियों की मौत को टाला जा सकता था।
जब एक ही परिवार के चार व्यक्ति की मौत हुई। तो लोगों ने इस बात की जानकारी विधायक प्रदीप यादव को दिया। विधायक ने त्वरित संज्ञान लेते हुए सिविल सर्जन अनंत कुमार झा के माध्यम से स्वास्थ्य टीम को सलगाटांड़ भेजा।
एकत्र किए गए नमूने की होगी जांच
इस संबंध में एएनएम श्वेता कुमारी ने बताया कि 13 जुलाई को सलगाटांड़ गांव में उन्होंने स्लाइड पर रक्त का नमूना लिया था। मालती कुमारी का भी नमूना लिया गया था। उनका जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण जांच से कतराते हैं। वे यहां जांच के लिए आते हैं। लेकिन लोग बोलते हैं ना बुखार है ना कुछ है हम क्यों जांच कराएं। ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है।
बीमारी की नहीं हो पाई है पहचान
महिला सहित तीन बच्ची की मौत का मामला रहस्यमयी बनता जा रहा है। इन लोगों की मौत किस बीमारी से हुई है। इस विषय पर अभी तक स्वास्थ्य महकमा किसी ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है।
जानकारी मिलते ही डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची। टीम ने 97 ग्रामीणों की जांच की गई, जिसमें से एक भी व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव नहीं मिले।डॉक्टरों की टीम के सदस्य डॉक्टर सफीक आलम ने बताया कि जांच पड़ताल चल रही है। पूर्ण जांच होने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में मौत का कारण बताना थोड़ा मुश्किल लग रहा है। 97 लोगों की जांच की गई, लेकिन कोई भी पॉजिटिव नहीं आया है, जिसमें मृतका के घर के सदस्य भी शामिल है।ऐसे में कुछ कहना जल्दी बाजी होगा।
उन्होंने कहा कि अभी बहुत सारी जांच करना बाकी है। जांच प्रक्रिया के बाद ही कुछ निष्कर्ष निकाला जा सकता है।मृतकाओं का जहां इलाज कराया वहां का चिट्ठा भी नहीं है जिससे कुछ पता चल पाए। सभी कागज इन लोगों ने जला दिया है सिर्फ आज गीता की जांच रिपोर्ट के आधार पर कुछ बताना जल्दी बाजी होगा।
गीता थी 10th क्लास की छात्रा
मृतका गीता प्रखंड मुख्यालय स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के 10th क्लास की छात्रा थी। पढ़ने में काफी अच्छी थी । वर्ल्ड विजन संस्था के द्वारा उसे स्पॉन्सर भी किया गया था।
वहीं मालती और उमा 8th पास करके डहरलंगी स्कूल में पढ़ने जाती थी। मालती भी वर्ल्ड विजन संस्था से स्पॉन्सर थी। इसलिए ये लोग पढ़ने में काफी मेहनत कर रही थी। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।मौत से पूरा गांव सदमे में है। एक ही परिवार से चार लोगों की मौत लोगों की गले से नहीं उतर रहा है। लोग काफी दहशत में है।ग्रामीणों ने बताया कि एक ही घर से चार लोगों की मौत से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसर गया है। लोग किसी अज्ञात आशंका से घिरे हुए हैं।
अंधविश्वास के कारण लोग काफी सहमे हुए हैं। कुछ लोगों ने बताया कि दो आदमी की मौत के बाद झाड़ फूंक किया गया। ताकि ठीक हो सके। जिसके कारण इलाज में भी देरी हो गया।
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