Godda News सदर प्रखंड के बैसाढ़ी स्थित हरना पुल के पास हरना नदी से निकलने वाली नहर का पाइप व गार्डवाल पिछले तीन सालों से क्षतिग्रस्त स्थिति में है जिसके कारण किसानों का खेत सूखा पड़ा है। इससे आधा दर्जन मौजा के किसानों में रोष है। किसानों मजदूर की बात करने वाले जन प्रतिनिधियों ने इस प्रमुख समस्या से पल्लू झाड़ रखा है।
अनंत कुमार / संवाद सहयोगी, गोड्डा। Godda News:
सदर प्रखंड के बैसाढ़ी स्थित हरना पुल के पास हरना नदी से निकलने वाली नहर का पाइप व गार्डवाल पिछले तीन सालों से क्षतिग्रस्त स्थिति में है, जिसके कारण किसानों का खेत सूखा पड़ा है। वहीं नदी का पानी बेकार बह जा रहा है।
इससे आधा दर्जन मौजा के किसानों में रोष है। किसानों मजदूर की बात करने वाले जन प्रतिनिधियों ने इस प्रमुख समस्या से पल्लू झाड़ रखा है। वर्तमान में खरीफ की खेती का मौसम चल रहा है।
धनरोपनी शुरू होने वाली है। ऐसे में 1000 बीघा से अधिक भूमि एक बार फिर से सूखी रह जाएगी जबकि हरना नदी पर बना चेकडैम भी सफेद हाथी ही साबित हो रहा है।
इसी चेकडैम के पास से बनी नहर से सदर प्रखंड के बैसाढ़ी, बारा, ककना, लक्ष्मीपुर, पंचकाटी आदि मौजा के किसानों की कृषि योग्य जमीन सिंचित होती थी। मामले को लेकर अब सिंचाई विभाग भी पूरी तरह से निष्क्रिय बना हुआ है । नियम की जटिलता व विभागीय लालफीताशाही से किसानों को इस योजना को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
वर्तमान में हरना चैकडैम से निकली नहर का पाइप अपने एलायमेंट से हटकर टूट फूट गया है । इसके साथ गार्डवाल भी क्षतिग्रस्त है। किसान जैसे तैसे जेसीबी से मरम्मत कर पटवन करते हैं लेकिन इस बार तो स्थिति और भी खराब हो गई है। विभाग से कोई पहल नहीं हो रही है। सिंचाई की उक्त योजना काफी कारगर साबित हुई थी लेकिन चेकडैम व नहर के क्षतिग्रस्त होने से यह सिंचाई सरंचना सफेद हाथी साबित हो रहा है।
बताया जाता है कि करीब एक दशक पूर्व इसका निर्माण हुआ था ।
तीन वर्षो तक किसानों कोई दिक्कत नहीं हुई लेकिन बाद में जब नहर का पाइप और उसका एलाइनमेंट क्षतिग्रस्त हुआ है तो किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस बाबत बैसाढ़ी के ग्राम प्रधान पंकज कुमार झा ने कहा कि तीन वर्षो से यही स्थिति है। यहां 1000 बीघा की जमीन को हरना चेकडैम से निकली नहर से पटवन होता था जो तीन साल से क्षतिग्रस्त स्थिति में है।
किसानों के नाम पर सबको राजनीति करनी है लेकिन किसानों की चिंता किसी को नहीं है। प्रशासन को भी गंभीरता दिखानी चाहिए थी। कहा कि बीते वर्ष उन्होंने तीन दिन जेसीबी चलवाकर पटवन के लायक नहर को बनवाया गया लेकिन इस बार यह भी टूट गया है। किसी से उम्मीद नहीं दिख रही है। क्षेत्र के किसानों व लोगों के साथ मिलकर इस बार किस तरह पटवन हो, इसके लिए बैठक की जाएगी। जन प्रतिनिधियों को कई बार इसकी शिकायत की गई लेकिन कोई पहल नहीं हुई।
लघु सिंचाई प्रमंडल में आवंटन नहीं रहने से नहर व चेकडैम आदि की मरम्मत में परेशानी हो रही है। हरना नदी के चेकडैम और क्षतिग्रस्त नहर के जीर्णोद्धार के लिए सांसद स्तर से आवंटन दिए जाने पर बात हुई है। वहीं डीएमएफटी से भी इसके जीर्णोद्धार का प्रस्ताव है। जल्द ही क्षतिग्रस्त चेकडैम और नहर को दुरुस्त कर दिया जाएगा। - अनिरुद्ध मंडल, कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, गोड्डा।
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