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इन लोगों को झारखंड सरकार दे रही 'मुफ्त आवास', जानिए क्या है योजना; ऐसे करें आवेदन

हेमंत सोरेन की सरकार घर विहीन या कच्चे मकानों में रहने वालों लोगों के लिए एक योजना की शुरुआत की है जिसके तहत गरीबों को मुफ्त में आवास दिया जा रहा है। योजना का नाम अबुआ आवास योजना है। झारखंड सरकार का संकल्प है कि प्रदेश का एक भी जो योग्य नागरिक हैं वो पक्का घर से वंचित नहीं रहे। इस दिशा में एक बड़ा फैसला लिया है।

By Vidhu Vinod Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 07 Jan 2024 01:36 PM (IST)
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इन लोगों को झारखंड सरकार दे रही 'मुफ्त आवास', जानिए क्या है योजना; ऐसे करें आवेदन
जागरण संवाददाता, गोड्डा। झारखंड सरकार की ओर से घर विहीन या कच्चे घरों में रह रहे गरीब लोगों को पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए राज्य संपोषित योजना के रूप में अबुआ आवास योजना शुरू की गई है। इसमें सरकार का संकल्प है कि राज्य का कोई भी अहर्ताधारी नागरिक पक्का आवास से वंचित नहीं रहे।

इस दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण पहल करते हुए अबुआ आवास के लिए आगामी आठ-नौ जनवरी को विशेष कैंप आयोजित करने का फैसला लिया है। बीते दिनों सरकार आपके द्वार शिविर में यदि किन्ही आवेदकों का नाम अबुआ आवास में प्रविष्टि में छूट गया हो तो लाभुक संबंधित प्रखंड के बीडीओ से संपर्क कर अपनी प्रविष्टि दिनांक 8 और 9 जनवरी को कराकर इस योजना का लाभ ले सकते हैं।

क्या-क्या दस्तावेज हैं जरूरी

डीपीआरओ अविनाश कुमार ने बताया कि अबुआ आवास योजना के लिए आवेदन हेतु जरूरी दस्तावेजों में 'आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार' से प्राप्त रजिस्ट्रेशन नंबर, मनरेगा जॉब कार्ड व आधार कार्ड की फोटोकॉपी, चलंत बैंक पासबुक की फोटोकॉपी, जमीन के दस्तावेज की फोटोकॉपी, पारिवारिक विवरणी, मोबाइल नंबर आदि के साथ योग्य लाभुक संबंधित बीडीओ के पास प्रविष्टि दे सकते हैं। यह योजना 100 प्रतिशत राज्य सरकार से संपोषित होगी।

किनके नाम पर होगा रजिस्ट्रेशन 

आवास के लिए स्थानीय सामग्री तथा डिजाइन का उपयोग करते हुए तीन कमरे के आवास का निर्माण न्यूनतम 31 वर्ग मीटर में किया जाना है, जिसमें स्वच्छ रसोईघर भी शामिल है। परिवार की महिला के नाम पर पंजीकृत किया जाएगा। महिला की मृत्यु या अनुपस्थिति की स्थिति में परिवार के मुखिया के नाम पर आवास पंजीकृत किया जा सकता है।

प्रति यूनिट आवास की सहायता राशि चार किश्तों में कुल दो लाख रुपये देय होगी। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण या किसी अन्य समर्पित स्रोत के साथ शौचालय निर्माण के लिए सहायता का प्रावधान है। आवास के निर्माण के लिए यूनिट सहायता राशि के अलावा मनरेगा के तहत अधिकतम 95 मानव दिवस अकुशल मजदूरी भुगतान करने का प्रविधान है।

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