Jharkhand News: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष: मासूम के लिए मां यशोदा बनीं जानकी देवी,हर तरफ हो रही तारीफ
नारी तेरे रूप अनेक... जी हां गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड के मोहनपुर- खदारामाल गांव की रहने वाली जानकी देवी तो माता यशोदा बन गई। बीते करीब छह महीने से माता यशोदा की तरह एक मासूम का लालन पालन कर रही है।
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 09 Mar 2023 12:35 AM (IST)
जागरण संवाददाता, गोड्डा: पेशे से आंगनबाड़ी सेविका जानकी देवी द्वापर युग की याद दिलाती हैं। भगवान श्री कृष्ण को जन्म देने वाली माता देवकी थी लेकिन उनका लालन पालन माता यशोदा ने किया था, ठीक उसी तरह सेविका जानकी देवी अपने दो बच्चों के साथ एक मासूम की भी परवरिश ले रही है।
बात छह महीने पहले की है। जानकी देवी के मायके की रहने वाली निशा देवी ने सिजेरियन ऑपरेशन से एक बच्ची को जन्म दिया। गोड्डा के लाइफ केयर अस्पताल में निशा के प्रसव के बाद अस्पताल प्रबंधन ने 65 हजार रुपये का बिल थमा दिया।
निशा के स्वजन गरीब हैं। अस्पताल के बिल भुगतान में वे लोग सामर्थ्य नहीं थे। अस्पताल प्रबंधन ने निशा और उसके नवजात को अस्पताल परिसर के बाथरूम के आगे छोड़ दिया और बिल की राशि चुकता होने तक अस्पताल में ही झाड़ू-पोंछा करने की शर्त रख दी।
इसकी जानकारी मिलने पर जानकी देवी ने अपनी जमा पूंजी सहित कर्ज लेकर निशा का बिल चुकता किया। जच्चा-बच्चा को अस्पताल से रिलीज कराकर अपने घर ले आईं और करीब एक महीने तक अपने खर्च पर दोनों का दूसरे अस्पताल में इलाज करवाया।
जानकी देवी के पति की वर्ष 2005 में सड़क दुर्घटना ही देहांत हो गयी था। जानकी देवी के इस साहसिक निर्णय की क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है। बुधवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने जानकी देवी को बधाई दी।
जानकी देवी स्थानीय महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन रही है, जिन्होंने एक नवजात सहित असहाय मां की सुध ली। मेहरमा प्रखंड के मधुरा गाँव की निशा देवी के पति का निधन गत वर्ष ही हो गया था। पति के निधन के बाद निशा अपने मायके में ही रह रही थी।
घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी थी। बावजूद इसके जान बचाने के लिए निशा के मायके वालों ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल प्रसव के लिए ले गए थे, जहां ऑपरेशन से उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया लेकिन अस्पताल का बिल इतना अधिक था कि उसका भुगतान कर पाना निशा के स्वजनों के लिए कठिन था।इस विषम परिस्थिति में जानकी देवी आगे आकर निशा और उसकी मासूम बेटी की रक्षक बनी। मधुरा गांव में ही बेटी आंगनबाड़ी सेविका जानकी देवी ने इंसानियत की मिसाल पेश की है।
जानकी देवी ने बताया कि अस्पताल से रिलीज कराकर जब निशा और उसकी बेटी को अपने घर लाई तो बच्ची को जौंडिस बीमारी हो गई। उसकी मां भी काफी कमजोर हो चुकी थी।जानकी देवी कहती है कि दोनों को दूसरे अस्पताल में इलाज करवाकर स्वस्थ कराया गया और इसके बाद उसकी बेटी को खुद के पास ही रखी और उनकी मां को स्वस्थ कर घर भेज दिया गया।इधर निशा ने अपनी बेटी को कोर्ट से जानकी देवी के नाम कर दिया। बीते छह माह से जानकी देवी उक्त मासूम को अपनी बेटी की तरह लालन पालन कर रही है। निशा और उसके मायके वाले जानकी देवी के पारिवारिक सदस्य बन गए हैं।
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