राजमहल परियोजना से लेकर मिर्जा चाैकी के पत्थर कारोबार तक थी सूर्या की धमक, चढ़ रहा था राजनीति की सीढ़ियां
गोड्डा में सूर्या हांसदा नामक एक अपराधी जिस पर 32 मामले दर्ज थे पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। उसे देवघर से गिरफ्तार किया गया था। सूर्या हांसदा पूर्व में राजनीति में भी सक्रिय था उसने 2009 में झारखंड विकास मोर्चा से चुनाव लड़ा था और बाद में भाजपा में शामिल हुआ था। 2024 में टिकट न मिलने पर उसने जेएलकेएम से चुनाव लड़ा पर हार गया।

टीम जागरण, गोड्डा। ईसीएल की राजमहल परियोजना में ठेकेदारी के साथ-साथ राजनीति में रसूख रखने वाला सूर्या हांसदा के खिलाफ गोड्डा और साहिबगंज में 32 आपराधिक मामले दर्ज थे। राजमहल परियोजना से लेकर मिर्जा चाैकी के पत्थर कारोबार तक सूर्या हांसदा की धमक थी। रविवार की रात बोआरीजोर थाना क्षेत्र के जिरली समरी पहाड़ में मुठभेड़ के दौरान गोड्डा पुलिस ने उसे मार गिराया।
जानकारी के अनुसार ललमटिया थाना कांड संख्या 44/ 2025 के आरोप में सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी रविवार की शाम देवघर जिले के नावाडीह थाना क्षेत्र से की गई थी। राजमहल परियोजना के पहाड़पुर खनन क्षेत्र में बीते 27 मई की रात्रि 40 से 50 राउंड गोली चलाने एवं खनन क्षेत्र में दहशत फैलाने के मामले में ललमटिया एवं देवघर पुलिस के सहयोग से उसे रविवार को संध्या गिरफ्तार किया गया था।
सूर्या हांसदा उर्फ सूर्यनारायण हांसदा के नाम ललमटिया थाना में लूट, हत्या एवं रंगदारी के 15 मामले दर्ज हैं। वहीं साहिबगंज जिले में 17 मामले दर्ज हैं। कुल मिलाकर गोड्डा एवं साहिबगंज जिला में सूर्या के खिलाफ 32 मामले लंबित हैं। पूर्व में भी सूर्या जेल जा चुका था।
राजनीति में अजमाया हाथ
आपराधिक मामलों में जेल से निकलने के बाद उसने वर्ष 2009 से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी ।सूर्या हांसदा को वर्ष 2009 में झारखंड विकास मोर्चा से विस चुनाव में बोरियो से टिकट मिला था। उक्त चुनाव में उन्हें 10,000 वोट मिले थे। वहीं वर्ष 2014 में भी जेवीएम से चुनाव लड़े, जिसमें लगभग 15,000 वोट मिले थे। वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी से उन्हें टिकट मिला था और उन्हें 59441 वोट मिले थे।
वर्ष 2019 के चुनाव में बोरिया विधानसभा के लोबिन हेंब्रम से उनकी हार हुई थी। वर्ष 2024 में भाजपा से टिकट न मिलने के कारण जेएलकेएम से टिकट मिला, लेकिन उक्त चुनाव में मात्र 2937 वोट से उसे संतोष करना पड़ा। वर्ष 2019 में जब वह बोरियो विधानसभा से भाजपा से चुनाव लड़े थे, तो उस समय लोगों के बीच उनकी अच्छी पकड़ थी। वर्ष 2019 में करीब 60 हजार वोट लाने पर उनको उम्मीद थी कि वर्ष 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा से टिकट मिलेगा, लेकिन इसी बीच लेविन हेंब्रम की एंट्री भाजपा में हुई और सूर्या का टिकट कट गया।
तब सूर्या ने जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम से चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें मात्र 2937 वोट ही मिले। चुनाव हारने के बाद सूर्या हांसदा सरकार के खिलाफ संथाल रेजीमेंट, रोजगार की मांग जैसे कई मुद्दों की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा की थी। जेएलकेएम में शामिल होने के बाद और वर्ष 2024 के चुनाव में मिली हार के बाद सूर्या का जनाधार कमजोर हो गया। जनवरी 2025 से अब तक सूर्या के खिलाफ तीन बड़े मामले में ललमटिया थाना की पुलिस को उसकी सरगर्मी से तलाश थी।
ललमटिया पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार एनकाउंटर की स्थिति तब बनी जब उसे देवघर के नावाडीह से गिरफ्तार कर महागामा लाया गया। वहां पूछताछ के क्रम में उन्होंने बताया कि अपराधिक कांड में उपयोग किया जाने वाला सामान बोआरीजोर क्षेत्र के आसपास जंगल में रखा गया है। पुलिस जब उसे वहां लेकर गई तो वहां पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई जिसमें पुलिस की जवाबी कार्रवाई में सूर्या हांसदा ढेर हो गया।
उनकी पत्नी ने गिरफ्तारी के बाद ही एनकाउंटर की आशंका जाहिर की थी। पत्नी सुशीला मुर्मू ने कहा था कि बीते दिनों पुलिस उनसे ऊर्जा नगर स्थित आवास में पूछताछ की थी। इसमें पुलिस ने कहा कि जल्द सूर्या को हाजिर नहीं किया तो उसका एनकाउंटर कर दिया जाएगा।
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