'अयोध्या से राजकुमार निकले, जब शबरी और निषाद का सानिध्य मिला तब...', पीएम बोले आदिवासियों के लिए कही यह बात
PM Narendra Modi प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख वंचित आदिवासी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की सौगात दी। पीएम मोदी ने कहा कि आवास के साथ शौचालय उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन हर घर नल से जल आदि योजनाओं के लिए सीधे केंद्र सरकार से पंचायत को राशि मिल रही है। इस राशि से किसी को भी एक रुपया नहीं देना है।
संवाद सहयोगी, बोआरीजोर (गोड्डा)। जनजातीय परिवारों के उत्थान के लिए शुरू किए गए प्रधानमंत्री जनमन कार्यक्रम के तहत पीएम मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जनजातीय परिवारों से ऑनलाइन बातचीत की। कड़ाके की ठंड के बावजूद सैकड़ों आदिम जन जाति परिवार के सदस्य कार्यक्रम स्थल पर आए।
गोड्डा के बोआरीजोर प्रखंड की बाबूपुर पंचायत में जनजातीय लाभुकों के साथ पीएम के संवाद का सीधा प्रसारण एलईडी प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया गया। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक लाख वंचित आदिवासी परिवारों को प्रधानमंत्री आवास की सौगात दी। वहीं पीएम जनमन के तहत के एक लाख लाभार्थियों को पहली किस्त जारी की।
पीएम मोदी ने कहा कि आवास के साथ शौचालय, उज्ज्वला योजना का गैस कनेक्शन, हर घर नल से जल आदि योजनाओं के लिए सीधे केंद्र सरकार से पंचायत को राशि मिल रही है। इस राशि से किसी को भी एक रुपया नहीं देना है।
आदिवासियों के लिए ये योजनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी को भूखे नहीं रहना है। फ्री अनाज देने की योजना को अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है। बीते दो माह में पक्का मकान, हर घर नल से जल, गांव -गांव तक संपर्क सड़क, हर घर बिजली, शिक्षा के लिए छात्रावास, कौशल विकास, सुदूर गांव तक मोबाइल चिकित्सा वैन, सबको पोषण, उन्नत आजीविका व सुदूर गांव तक दूरसंचार की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा, दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य भी केंद्र सरकार ने निर्धारित किया है। हालांकि, ऑनलाइन संवाद में पीएम ने झारखंड के गुमला जिला के साथ ही वार्ता की।
पीएम ने जनजातीय परिवारों के साथ संवाद के दौरान श्रीराम का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि माता शबरी आदिवासी थीं, उनके जूठे बेर खाकर ही प्रभु श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम बने। पीएम मोदी ने कहा कि 22 जनवरी को भगवान राम का भव्य मंदिर का उद्घाटन होना है। यहां उनके लिए परम सौभाग्य की बात है कि उन्हें इसका अवसर मिला है।
उन्होंने कहा कि राम की कथा माता शबरी के बिना अधूरी है। श्रीराम मंदिर के उद्घाटन को लेकर वे भी 11 दिनों के व्रत-अनुष्ठान में हैं। जब राम अयोध्या से निकले तो वो राज कुमार थे, लेकिन वो मर्यादा पुरुषोत्तम तब बनें, जब माता शबरी और निषाद राज केवट का सहयोग व सानिध्य पाया।
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