यहां हजारों हिंदू अचानक बन गए मुसलमान! मामला जान सिर पीटने को मजबूर हो जाएंगे आप
झारखंड के गोड्डा में जाति फीडिंग के दौरान हुई गलती की वजह से हजारों हिंदूओं को सॉफ्टवेयर मुस्लिम बता रहा है। ऐसे में इन लोगों को जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। इन्हें जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए भटकना पड़ रहा है। 2018 के बाद से ही सॉफ्टवेयर की गलती के चलते इन लोगों धुनिया जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है।
By Vidhu VinodEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 08 Nov 2023 04:49 PM (IST)
विधु विनोद, गोड्डा। खतियान डिजिटलाइजेशन के दौरान ओबीसी संवर्ग के धुनिया समुदाय के लोगों की जाति फीडिंग के दौरान हुई गलती की वजह से गोड्डा और दुमका के 27 हजार से अधिक हिंदू आबादी को सॉफ्टवेयर मुस्लिम बता रहा है।
इसके कारण इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। पारंपरिक रूप से कपास की खेती करने और रुई धुनने वाली सनातनी धुनिया जाति की 27 हजार से अधिक की आबादी बीते छह साल से जाति प्रमाण पत्र के लिए दर-दर भटक रही है।
जेटेट पास अभ्यर्थी होरिल दागिरी, रामदयाल दागिरी, राहुल कुमार सहित दर्जनों ग्रामीणों ने इसके लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उनका जाति प्रमाण पत्र निर्गत कराया जाए।
2018 के बाद से हिंदू धर्म में धुनिया जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिला
ग्रामीणों का कहना है कि गोड्डा और दुमका में धुनिया जाति की आबादी 27 हजार से अधिक है, लेकिन 2018 के बाद उन्हें हिंदू धर्म में धुनिया जाति का प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब वे जाति प्रमाण पत्र के ऑनलाइन आवेदन करते है तो धुनिया कॉलम के ब्रैकेट में मोमिन (मुस्लिम) आता है।
गोड्डा के सरवा, बोहरा, जलगो आदि गांवों के दर्जनों लोगों ने इसकी शिकायत डीसी जिशान कमर सहित स्थानीय विधायक प्रदीप यादव से की है। इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारियों का कहना है कि कंप्यूटर में गलत फीडिंग की वजह से यह समस्या आ रही है। इसका निराकरण राज्य मुख्यालय स्तर से ही संभव है।
इन गांवों में है धुनिया जाति की आबादी
जिले के पोड़ैयाहाट प्रखंड के सरबा, बोहरा, जलगो, लीलादह, ठाकुरगंगटी प्रखंड के मानिकपुर, भगैया, मिश्र गंगटी सहित पथरगामा प्रखंड के दर्जनों गांवों में धुनिया जाति के लोग निवास करते हैं। इसके अलावा दुमका जिले के जरमुंडी, बाराटांड़, जमजोरी, कुरमाहाट, हंसडीहा आदि गांवों में बड़ी संख्या में सनातनी धुनिया परिवार के लोग रहते हैं।
बीते 17 अक्टूबर को जिले के सिंहेश्वरनाथ शिवनगर में तांती, धुनिया, ततवा युवा संगठन के बैनर तले उक्त समाज के हजारों युवाओं ने ओबीसी बीसी-वन के तहत धुनिया जाति प्रमाण पत्र के लिए आंदोलन शुरू किया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।डाटा एंट्री में गलत फीडिंग से बढ़ी परेशानी
खतियान और रजिस्टर टू के डिजिटलाइजेशन के दौरान डाटा एंट्री में गलत फीडिंग की वजह से धुनिया जाति की परेशानी बढ़ी है। बताया जाता है कि खतियान डिजिटलाइजेशन का काम 2015 से शुरू किया गया था। इससे पहले जब ऑफलाइन प्रमाण पत्र बनता था तो कई अभ्यर्थियों ने ओबीसी संवर्ग में धुनिया जाति का प्रमाण पत्र लिया है। यह भी पढ़ें: 'विटामिन ए' है आंखों के लिए वरदान, बचपन से ही खाने में करेंगे शामिल तो कभी नहीं दिखेगा धुंधला, शरीर का भी होगा विकास हालांकि, 2018 के बाद जब जाति प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू हुई तो साफ्टवेयर में धुनिया जाति के साथ प्रकोष्ठ में मोमिन (मुस्लिम) आने लगा, जिससे उन्हें हिंदू समुदाय में धुनिया जाति का प्रमाण पत्र नहीं बनने लगा।यह भी पढ़ें: फट गया कान का पर्दा, मर गया पेट में पल रहा बच्चा; पूरे शरीर पर छाले...सास-ससुर और पति ने पांच लाख के लिए नर्क बना दी जिंदगीयह तकनीकी समस्या है। वंचित लोगों का आवेदन मिला है। इस पर जिला स्तर से रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। धुनिया जाति हिंदू समुदाय से है, लेकिन खतियान डिजिटलाइजेशन में इसे मुस्लिम दर्ज कर दिया गया है। इस गलती का निराकरण कराया जाएगा।- जिशान कमर, डीसी, गोड्डा।