चर्च होता है परमेश्वर का घर :बिशप निर्दोष लकड़ा
गुमला: एन डब्ल्यू जी ई एल के रांची क्षेत्र के बिशप निर्दोष लकड़ा ने कहा है कि आराधना केंद्र परमेश्वर का घर होता है। चर्च में परमेश्वर की आराधना की जाती है। इसलिए चर्च परमेश्वर का घर कहलाता है। रविवार को पुगू में नव निर्मित चर्च का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित धर्म विश्वासियों को संबोधित करते हुए बिशप लकड़ा ने यह उद्गार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जो लोग इस भवन में आते हैं वे प्रार्थना करते हैं। उनकी ईश्वर से संगति हो जाती है। ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त कर घर लौटते हैं। श्री लकड़ा ने कहा कि यह बात ठीक है कि धर्म विश्वासियों ने साल भर मेहनत कर इस नए उपासना घर का निर्माण किया है। लेकिन सबसे बड़ा सच यह है कि किसी भी कार्य के पूरा होने में ईश्वर का हाथ रहता है। ईश्वर की कृपा से ही कोई काम पूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि यह उपासना गृह ईश्वर से मुलाकात करने का स्थल है। जो सबों के लिए है। आरंभ में फीता काटने के बाद बिशप ने आशीष जल का छिड़काव किया। फिर उपासना गृह में प्रवेश किया। इस अवसर पर गुमला के पादरी मलाकी कुजूर, बिशप की धर्म पत्नी एस लकड़ा, कलेसिया के मुख्य सचिव अलबेल लकड़ा, मंत्रीमंडल सचिव पादरी दुलार लकड़ा, रांची के डीन पादरी पैकस खेस, कलेसिया के शिक्षा पदाधिकारी मेल प्रकाश टोप्पो अन्य पादरी और धर्म विश्वासी उपस्थित थे। इस अवसर पर धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भजन कीर्तन सुनाए गए। ईश्वर की महिमा लोगों को बताई गई। आरंभ में स्थानीय धर्म विश्वासियों ने बिशप सहित अन्य मेहमानों का पारम्परिक तरीके से स्वागत किया।
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