गुमला में हुआ बड़ा हादसा: मवेशियों से लदा कंटेनर पलटा, 40 बेजुबानों की हुई मौत; देर शाम तक जारी रहा रेस्क्यू
गुमला में शुक्रवार एक बड़ा हादसा हो गया। तस्करी के लिए ले जा रहे मवेशियों से भरा कंटेनर नेशनल हाइवे में पालकोट थाना क्षेत्र के गंजई नदी पुल के रेलिंग को तोड़ते हुए पलट गया जिससे लगभग 40 से अधिक मवेशियों की मौत होने की संभावना है। मवेशियों से भरा कंटेनर राउरकेला से पश्चिम बंगाल जा रहा था जिसमें सौ से अधिक मवेशी होने की बात कही जा रही है।
संवाद सूत्र, पालकोट (गुमला)। तस्करी के लिए ले जा रहे मवेशियों से भरा कंटेनर शुक्रवार की सुबह नेशनल हाइवे में पालकोट थाना क्षेत्र के गंजई नदी पुल के रेलिंग को तोड़ते हुए पलट गया, जिससे लगभग 40 से अधिक मवेशियों की मौत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। थाना प्रभारी अनिल लिंडा के नेतृत्व में दो क्रेन और गैस कटर मशीन के सहयोग से शाम चार बजे तक ट्रक से मवेशियों को निकालने का काम चल रहा था। जिस कारण थाना प्रभारी भी घटना के संदर्भ में स्पष्ट कुछ कहने को तैयार नहीं थे।
जिंदा बचे मवेशियों को निकालने में करनी पड़ी मशक्कत
उनका कहना था कि कंटेनर में सो रहा एक मजदूर घायल था, जिसे पुलिस अभिरक्षा में इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया है। पूछताछ के बाद ही स्पष्ट होगा कि कंटेनर में कितने पशु थे और कहां से कहां जा रहा था। इस तस्करी में कौन लोग शामिल हैं।प्राप्त जानकारी के अनुसार, मवेशियों से भरा कंटेनर राउरकेला से पश्चिम बंगाल जा रहा था। कंटेनर में एक सौ से अधिक मवेशी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कंटेनर के अंदर कुछ मवेशी जीवित और मृत पड़े थे। जिसे पुलिस प्रशासन निकालने का प्रयास शाम तक कर रहे थे। घटना की सूचना मिलने के घटना स्थल में मेला लग गया।
गुमला में पशु पस्करी रुकने का नाम नहीं
घटना के संदर्भ में लोगों की प्रतिक्रिया थी कि कंटेनर दुर्घटनाग्रस्त हो गई तो मवेशी लदे होने की जानकारी मिल रही है। दुर्घटना नहीं होती तो तस्करों की मंशा सफल हो जाती है। इसका कारण यह है कि वाहन चेकिंग के नाम पर पुलिस दो पहिया वाहनों को परेशान करती है। बड़े वाहनों की भी नियमित जांच होनी चाहिए।विहिप नेता अजय राणा ने कहा कि गुमला जिला मुख्यालय से होकर पशु तस्करी बदस्तूर जारी है। कोई भी थाना में रात में वाहन जांच नहीं होता है। जब दुर्घटना होती है तो पशु या अन्य सामग्रियों को जब्त कर पुलिस अपना पीठ थपथपाती है। वाहनों के नियमित जांच नहीं होने से पुलिस प्रशासन के गश्ती पर भी सवाल उठने लगा है।
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