Cyclone Michaung: 'मिचौंग' का झारखंड में कहर, फसलों को भारी नुकसान की आशंका; किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें
चक्रवात मिचौंग का असर झारखंड के कई जिलों में देखने को मिल रहा है। गुमला में बूंदाबांदी के चलते धान की खेती खराब होने की संभावनाएं हैं। ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है। बताया जा रहा है कि कई जगहों पर फसल काटकर खेतों में पड़े हुए हैं तो कई जगह पर खलिहान में रखे हुए हैं।
By Santosh KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 06 Dec 2023 04:05 PM (IST)
संवाद सहयोगी, गुमला। चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' का असर गुमला जिले में भी देखा जा रहा है। पिछले दो दिनों से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। हल्की बुंदा-बांदी और आसमान में बादल छाए रहने से परेशानी बढ़ी है। सुबह में लोग कोहरा का सामना कर रहे हैं।
मौसम में आए बदलाव में तापमान में भी गिरावट महसूस किया जा रहा है। इन सबके बीच सबसे अधिक चिंता किसानों को सताने लगी है। पहले किसान बारिश नहीं होने से फसल बचाने का परेशान थे और अब वर्षा होने के कारण तैयार फसल को बचाने की जद्दो-जहद में लगे हैं।
धान के फसल को नुकसान की संभावना
धान के फसल काटकर खलिहान में रखे गए हैं और कुछ के खेत में पड़े हैं। कुछ काटे नहीं जा सके हैं। बारिश से इन सभी फसलों को नुकसान होना तय है। खलिहान में प्लास्टिक के शीट, तिरपाल आदि ढंक बचाने का प्रयास कर रहे। हल्की बारिस शायद बचाव भी हो जाए, लेकिन यदि जोरदार हुई तो भारी नुकसान की संभावना है।मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार को 14 मिमी बारिश होने की संभावना जताई गई है, जबकि गुरुवार को 10 मिमी. वर्षा होगी। इतनी बारिश धान के फसल को नुकसान पहुंचाने के लिए पर्याप्त है।
बारिश से रबी फसल को होगा फायदा
कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, बारिश से रबी फसल को काफी फायदा होगा, लेकिन धान, आलू, सरसो जैसे फसलों को इससे नुकसान होगा। बारिश का पानी जमा होने से धान सड़ने की आशंका है। आलू के फसल को झुलसा लगने की संभावना बनेगी।वहीं, सरसो के फसल में लाही लगने से काफी नुकसान होगा। तापमान में आई बदलाव से बढ़ी कनकनाहट से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेना शुरू कर दिए हैं।
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