माता अंजनी ने इस जगह दिया था वीर हनुमान को जन्म, आज भी गुफा के अंदर जाने से डरते हैं लोग; सप्त ऋषियों का भी था वास
हनुमान जी पूरे देश में पूजे जाते हैं लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता है कि उनका जन्म असल में कहां हुआ है। हनुमान जी झारखंड के गुमला में पैदा हुए थे। गुमला जिले से 18 किमी दूर अंजनी गांव में एक गुफा है जहां माता अंजनी ने बाल हनुमान को जन्म दिया है। हालांकि इस गुफा के अंदर आज भी लोग घुसने का साहस नहीं करते हैं।
जागरण संवाददाता, गुमला। भारत के लोक देवता हनुमान की जन्मस्थली के बारे में देश नहीं जानता। जबकि हनुमान जी पूरे देश में पूजे जाते हैं। देश को यह पता चल जाए कि हनुमान झारखंड के गुमला जिले में जन्मे थे, तो यहां श्रद्धालुओं का तांता लग जाए। हनुमान का जहां जन्म हुआ वह गुमला जिले से 18 किमी दूर अंजनी गांव में है। इस गांव का नाम हनुमान की मां अंजनी के नाम पड़ा है।
इसी गुफा में माता अंजनी ने दिया था हनुमान जी को जन्म
यहां से चार किमी की दूरी पर अंजनी गुफा है जो बहुत आकर्षक है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में इस गुफा में हनुमान जी की मां रहती थीं और यहीं पर उन्होंने हनुमान को जन्म दिया था।
अंजनी गुफा के पास एक प्रतिमा भी है, जिसमें अंजनी हनुमान को गोद में लिए हुए हैं। अंजनी गुफा से ऐतिहासिक महत्व की कई दुर्लभ वस्तुएं मिली हैं। इन वस्तुओं को पटना संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
कई ऋणि-मुनि यहां बना चुके हैं अपना आश्रम
आंजन धाम बहुत दिनों से उपेक्षित था। सरकार ने अब भी कोई विशष ध्यान नहीं दिया है। रांची की कुछ संस्थाएं हनुमान जयंती पर वहां विशेष आयोजन करती हैं। आंजन को प्रकृति ने जहां तीन ओर से नेतरहाट पहाड़ी शृंखला से घेर रखा है। वहीं एक ओर खरवा नदी ने।
पश्चिम में नेतरहाट की सुरम्य पहाड़ी है जो उत्तर की ओर मुड़ जाती है। दक्षिण में खटवा नदी कलकल बहती रहती है। कहा जाता है कि आंजन एक प्राचीन धर्म स्थल है। आंजन पहाड़ी पर स्थित गुफा में रामायण युगीन ऋषियों द्वारा जनकोलाहल से दूर शांति की खोज में स्थापित सप्त जनाश्रम में से एक होने की संभावना है।
ऋषियों ने वैसे स्थानों पर आश्रम स्थापित किए थे, जहां जीवन-यापन के लिए आवश्यक वस्तुओं की प्राप्ति आसानी से हो सके तथा जहां एकांत तथा पवित्रता हो व नागर लोगों का आवागमन अपेक्षाकृत कम हो।
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