कुजाम बाक्साइट माइंस में नक्सलियों ने मंचाया तांडव, वाहनों में लगाया आग, कर्मियों की पिटाई
संवाद सूत्र बिशुनपुर बिशुनपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित गुरदरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कु
By JagranEdited By: Updated: Sat, 08 Jan 2022 09:11 PM (IST)
संवाद सूत्र, बिशुनपुर : बिशुनपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती नक्सल प्रभावित गुरदरी थाना क्षेत्र अंतर्गत कुजाम स्थित एनकेसीपीएल के बाक्साइट माइंस में भाकपा माओवादियों ने शुक्रवार की रात तांडव मचाया। 27 वाहन एवं मशीन को आग के हवाले कर दिया । आग बुझ़ाने का प्रयास करने वाले कर्मियों के साथ मारपीट की।
घटना के संबंध में माइंस के सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह ने बताया कि शुक्रवार की शाम लगभग 25 से 30 के संख्या में भाकपा माओवादी के सदस्य पहुंचे सभी काले रंग के वर्दी में हथियार से लैस थे । कैंप में प्रवेश करते के साथ है सभी माइंस कर्मी को बंधक बनाकर मोबाइल छीन लिया गया और सामने रखें लगभग 3 ड्रम डीजल को निकाल कर बाल्टी से सभी वाहनों पर छिड़का गया। इसके बाद बारी बारी से एक एक वाहन को आग के हवाले कर दिया। जब नक्सली जाने लगे तो माइंस कर्मियों के द्वारा आग बुझाने का प्रयास किया गया जिससे नक्सली बौखला उठे और पुन: लौटकर सुपरवाइजर रामप्रवेश सिंह, मुन्ना पाठक ,अमृत मिश्रा एवं ड्रिल ऑपरेटर साहेब लाल के साथ मारपीट की और आग नहीं बुझाने की चेतावनी देते हुए सभी लोगों का मोबाइल वापस कर दिया गया। इधर घटना में दो पोकलेन, 4 जेसीबी ,17 हाईवा, दो पिकअप एवं दो पानी टैंकर जलकर खाक हो गया। इस संबंध में माइंस प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि घटना के 12 घंटे के बाद भी पुलिस घटनास्थल नहीं पहुंची। रात में गुमला एसपी के द्वारा फोन कर घटना की जानकारी ली गई , उन्होंने कहा कि नक्सली फिलहाल बाक्साइट माइंस बंद करने का फरमान जारी किए हैं ,इसलिए अभी माइंस में उत्खनन या ढुलाई का कार्य बंद रहेगा। -------------- पर्चा छोड़ ली जिम्मेदारी
बिशुनपुर प्रखंड के कुजाम बाक्साइड माइंस में शुक्रवार की शाम भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा वाहनों पर आगजनी की घटना को अंजाम देने के बाद पोस्टर चिपका कर घटना की जिम्मेदारी ली । माओवादियों ने पोस्टर में कहा है कि हिडालको एनकेसीपीएल एवं जिओमैक्स जैसी कंपनी अवैध रूप से बॉक्साइट का उत्खनन जंगलों को न केवल उजाड़ रही है। बल्कि पर्यावरण को पूरी तरह दूषित कर रही है। जंगल को भी काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने पर्चा में कहा है कि कंपनी रैयतों को उचित मुआवजा नौकरी एवं बुनियादी सुविधा पठारी क्षेत्र में नहीं मिल रहा है, जिस कारण यह घटना को अंजाम दिया गया है। नक्सलियों ने कहा है कि जब तक कंपनी के द्वारा जंगलों में अवैध खनन करना बंद नहीं किया जाएगा और लोगों को उनका उचित हक नहीं मिलेगा तब तक गुरदरी, अमतिपानी, कुंजाम ,सेरेंगदाग सहित सभी बाक्साइड माइंस पूरी तरह से बंद रहेगी। अगर बाक्साइड माइंस चालू करने का प्रयास किया गया तो परिणाम इससे भी ज्यादा गंभीर एवं भयानक होगी जिसका जिम्मेदार बाक्साइट कंपनी की होगी।
-------- आगजनी में लगभग दस करोड़ का नुकसान: कुजाम बाक्साइट माइंस में आगजनी की घटना में जलाए गए दो पोकलेन ,4 जेसीबी ,17 हाईवा, 2 पिकअप एवं 2 वाटर टैंकर शामिल है। इस संबंध में कुजाम के महेश प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि इस आगजनी की घटना में लगभग 10 से 11 का नुकसान हुआ है। फिलहाल नक्सलियों के द्वारा सभी बाक्साइड माइंस को बंद करने का फरमान जारी किया गया है। इसलिए अभी माइंस में उत्खनन और ढुलाई का काम पूरी तरह से बंद रहेगा। 13 वर्ष बाद नक्सलियों ने कुजाम माइंस में आगजनी घटना को दिया अंजाम: भाकपा माओवादी 13 वर्ष बाद कुजाम के बाक्साइड माइंस में आगजनी की घटना को अंजाम दिया। इससे क्षेत्र के लोग काफी भयभीत हो गए हैं, इससे पूर्व भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के द्वारा कुजाम स्थित कांटा घर के समीप 17 अगस्त 2009 को आगजनी घटना को अंजाम देकर माइंस बंद करा दिया गया था। इस दौरान 12 गाड़ी ,दो मशीन ,एक जेसीबी एवं एक कैंपर मशीन में आग लगाई गई थी। जिससे बाक्साइड खनन में लगे कंपनी को काफी नुकसान हुआ था और पुन: इस बार उससे भी बड़ी आगजनी घटना को अंजाम दिया गया है। नक्सलियों के लिए कुबेर का खजाना है बाक्साइट माइंस: गुमला एवं लोहरदगा जिला में प्रचुर मात्रा में बाक्साइट पाया जाता है यहां हिडालको ,जिओ मैक्स एवं एनकेसीपीएल जैसे कंपनी बाक्साइड उत्खनन का काम कर रही है। जो नक्सलियों के लिए कुबेर का खजाना साबित होता है। बाक्साइट माइन्स के कारण है गुमला एवं लोहरदगा जिला में नक्सली संगठन सक्रिय रहते हैं और हमेशा एक दूसरे के साथ वर्चस्व की लड़ाई में खूनी संघर्ष भी होता है । इन क्षेत्रों में खासकर भाकपा माओवादी ,जेजेएमपी, पीएलएफआई एवं झारखंड जन संघर्ष मुक्ति मोर्चा जैसे संगठन सक्रिय हैं ।जिन्हें बॉक्साइट माइंस से अच्छी खासी लेवी मिल जाती है ।बताया जाता है कि नक्सलियों को क्षमता के हिसाब से टन में उनका लेवी तय होता है। बड़ी संगठन को अधिक एवं छोटे संगठन को उसी के हिसाब से लेवी की राशि तय की जाती है ।कुछ संगठन को महीना लेवी जाता। परंतु जैसे ही बॉक्साइड खनन कार्य में लगी कंपनी किसी भी संगठन को लेवी देने में आनाकानी या कमी करती है, तो उस संगठन के द्वारा अक्सर माइंस में आगजनी जैसी घटना को अंजाम दिया जाता है ।संभवत अनुमान लगाया जा रहा है कि माओवादियों के गिरते वर्चस्व के कारण कंपनी उन्हें लेवी देने में आनाकानी कर रही थी ।इसी वजह से इतनी बड़ी आगजनी घटना को अंजाम दिया गया है। इससे माओवादी का वर्चस्व क्षेत्र में पुन: स्थापित हो गया वही अच्छी खासी लेवी भी मिलना प्रारंभ हो जाएगी। 12 घंटे बाद भी घटनास्थल नहीं पहुंची पुलिस: माओवादियों के द्वारा कुजाम में आगजनी घटना को अंजाम देने के बाद आसानी से वे लोग जंगल के रास्ते निकल गए। जबकि पुलिस 12 घंटे बीत जाने के बाद भी घटनास्थल नहीं पहुंची थी। इस संबंध में कुजाम माइंस के प्रबंधक उत्तम गांगुली ने बताया कि रात में गुमला एसपी के द्वारा गुरदरी माइंस में फोन किया गया तो वहां के प्रबंधक के द्वारा मेरा नंबर एसपी साहब को दिया गया। जिसके बाद एसपी साहब रात में ही मुझे फोन कर मुझसे घटना के बारे में पूछ ताछ की। परंतु अब तक 12 घंटा बीत गया है लेकिन पुलिस नहीं पहुंची है। घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल: 13 वर्षों के बाद भाकपा माओवादी का बाक्साइड इलाका में धमाकेदार उपस्थिति होने के बाद क्षेत्र में काफी दहशत का माहौल है कोई भी व्यक्ति अपना नाम या तस्वीर पत्रकारों को देने के लिए तैयार नहीं है लोगों का कहना है कि अगर मेरा नाम या फोटो छपता है तो कल माओवादी का हेड लिस्ट में मेरा नाम होगा और कहीं नक्सली पुन: गांव में जन अदालत लगाकर हत्या ना कर दे। इससे पूर्व नक्सलियों के द्वारा कई बार इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया है जिस कारण लोग काफी डरे सहमे से हैं। 3 वर्षों के के बाद माओवादियों ने की धमाकेदार उपस्थिति दर्ज: बिशुनपुर प्रखंड में सक्रिय भाकपा माओवादी पिछले 3 वर्षों से शिथिल पड़े हुए थे। उनके 3 वर्ष पूर्व 14 जून 2019 को बिशुनपुर थाना क्षेत्र के कटिया गांव में बनालत निवासी बृजेश साहू का बाजार से अपहरण कर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । वही मौके पर एक बीड़ी पत्ता से लदे ट्रक को भी आग के हवाले कर दिया गया था। जिसके बाद नक्सलियों के द्वारा जानबूझकर कोई घटना को अंजाम नहीं दिया गया था ।3 वर्ष के बाद कुजाम बॉक्साइट माइन्स में 1 घंटे तक तांडव मचाते हुए 27 वाहन एवं मशीनों को आग के हवाले कर दिया गया। जिससे लगभग 10 करोड़ रुपए का नुकसान कंपनी को हुआ है। चारों ओर जंगल से घिरा है माइंस एरिया माइंस एरिया चारो ओर जंगल से घिरा है। बिशुनपुर प्रखंड का अधिकांश एरिया जंगलों और पहाड़ी से घिरा हुआ है। यहीं कारण है कि नक्सली इस एरिया को अपने लिए सेफ मानते हैं। नक्सलियो का ठहराव भी इस एरिया में होता है। घटना को अंजाम देने के बाद नकसली बिशुनुपर क्षेत्र से निकल चैनपुर, डुमरी के क्षेत्र में निकल जाते हैं। सुरक्षा के लिए लिहाज से लोहरदगा और लातेहार के क्षेत्र में भी इनका आना जाना लगा रहता है।
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