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Lok Sabha Election 2019: इस गांव की सुध ही नहीं, आज तक नहीं पहुंचे सांसद-विधायक

Lok Sabha Election 2019. रामगढ़ जिले के डाड़ी प्रखंड से करीब छह किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल बुंडू गांव में लोगों को अब भी बुनियादी सुव‍िधाओं का इंतजार है।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Fri, 29 Mar 2019 10:35 AM (IST)
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Lok Sabha Election 2019: इस गांव की सुध ही नहीं, आज तक नहीं पहुंचे सांसद-विधायक
रामगढ़, [मनोज तिवारी]। Lok Sabha Election 2019 - गिद्दी- नईसराय मुख्य मार्ग पर अवस्थित डाड़ी प्रखंड के टाेंगी पंचायत का बुंडू एक एेसा गांव है जहां क्षेत्र के सांसद व विधायक अभी तक नहीं पहुंच सके हैं। गांव के कई लोग तो एेसे है कि अपने सांसद व विधायक से आज तक रूबरू तक नहीं हुए हैं। डाड़ी प्रखंड से करीब छह किलोमीटर दूर आदिवासी बहुल बुंडू गांव अवस्थित है। जन प्रतिनिधियाें की उपेक्षा के कारण आजादी के बाद से गांव विकास की बांट जोह रहा है।

गांव के शिचवरण करमाली, मेाजी पाहन, सोना राम, भैयालाल मरांडी, दीपक करमाली, रामकिशुन मुर्मू, ढुन्नु मांझी व रफिक अंसारी ने बताया कि बुंडू में करीब 400 घर है। इसमें 15.20 घर मुस्लिम व बाकि संथाली, करमाली, मंुडा, उरांव जाति के आदिवासी परिवार के लोग रहते हैं। गांव की करीब 6 हजार लोग निवास करते हैं। उन्हाेंने बताया कि आजादी के बाद से गांव में सांसद व विद्यायक नहीं पहुंचे हैं।

चुनाव के समय अधिकांश पार्टी के कार्यकर्ता यहां आते हैं। वे भी गांव के सभी आठ टोला का भ्रमण नहीं करते हैं। गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क व बिजली की स्थिति काफी दयनीय है। शिक्षा के नाम पर एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय व दो नव प्राथमिक विद्यालय है। जबकि करमाली टोला का एक नवप्राथमिक विद्यालय बंद हो गया है। सड़काें का हाल यह है कि बरसात के दिनाें में अंबाटांड़ से चार नंबर व बारू टोला से करमाली टोला तक लोगाें का आना जाना मुश्किल हो जाता है।

गांव में एक टोला गेट टोला एेसा भी है कि अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। हालाकि गांव में सरकार की आेर बिजली लाइन छिाया जा रहा है। परंतु ठेकेदार गेट टोला में लाइन पहुंचाने से इंकार कर रहा है। गर्मी में ग्रामीणाें को पानी की समस्या से प्रतिदिन दो चार होना पड़ता है। गांव में कई महिलाएं विधवा पेंशन से वचिंत हैं। इन सभी समस्याआें के कारण ग्रामीणाें ने सांसद व विद्यायक के प्रति नाराजगी रहती है।

ग्रामीणाें ने बताया कि आजादी के बाद गत दिन झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सह जिप सदस्य के पहल पर गांव के जले ट्रांसफार्मर के जगह नया ट्रांसफार्मर मिला है। वहीं ग्रामीणाें को दबे जुबान में कहते सुना गया कि जनप्रतिनिधियाें के उपेक्षा का एक कारण यह भी है कि यह गांव में शुरू से वामपंथियाें का पकड़ ज्यादा रहा है। हालाकि आज इस गांव में कई राजनीतिक दलाें के समर्थक है। इसके बाद भी गांव के लोगाें को उपेक्षित किया जाता रहा है। गांव में विकास के नाम पर नेता जनता को ठगने का काम करते आते रहें हैं।

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