पंजाबी की पूंजी से झारखंड में लहलहा रही नशे की फसल, नक्सल खौफ से मिल रहा अफीम की खेती को खाद-पानी, जानें पूरा खेल
अंतरराज्यीय अफीम तस्करी का हजारीबाग केंद्र बन गया है। वजह इसकी भौगोलिक स्थिति रही है। झारखंड में अफीम तस्करों का अंतरराज्यीय संगठित गिरोह काम कर रहा है। पंजाब और राजस्थान में अफीम की खेती पर दबिश के बाद तस्करों ने झारखंड से तार जोड़े। यहां से अफीम तैयार होने के बाद हजारीबाग से पंजाब और पश्चिम के राज्यों में डिस्पैच किया जाता है।
आरोपितों को पकड़ने का सिलसिला है जारी
तस्करों को भा गई भौगोलिक स्थिति
नक्सल खौफ से मिला अफीम की खेती को खाद-पानी
झारखंड में अफीम तस्करों का अंतरराज्यीय संगठित गिरोह काम कर रहा है। इस गिरोह में झारखंड, पंजाब, पश्चिम बंगाल, यूपी, दिल्ली और राजस्थान के शातिर शामिल हैं। पंजाब और राजस्थान में अफीम की खेती पर दबिश के बाद तस्करों ने झारखंड से तार जोड़े।चूंकि यहां पर खूंटी, चतरा, लातेहार, पलामू, लोहरदगा जैसे जिले घनघोर नक्सल प्रभावित रहे हैं। इन जिलों में अब भी कुछ ऐसे इलाके हैं जहां नक्सलियों का दबदबा है और पुलिस जाने से बचती है। ऐसे ही इलाकों में अफीम की खेती की जा रही है। इस धंधे में उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ और टीएसपीसी की संलिप्तता की पुष्टि हो चुकी है।छात्र भी बन रहे डिलीवरी ब्वाय
अफीम और ब्राउन शुगर को हजारीबाग से गंतव्य तक ट्रक चालकों के साथ ही पेशेवर अपराधी भी पहुंचाते हैं। पैसे के लालच में ग्रामीण महिलाएं और छात्र-छात्रा भी डिलीवरी ब्वाय की भूमिका अदा कर रहे हैं।16 अक्टूबर को सीआइए स्टाफ की टीम ने जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से झारखंड से अफीम की सप्लाई देने पहुंची ग्याहरवीं की छात्रा 19 वर्षीय सपना और उसके साथी बीए के छात्र 22 वर्षीय चिराग कुमार को गिरफ्तार किया था। दोनों झारखंड के जिला चतरा के थाना पखालागढ़ के अधीन लौबिया के रहने वाले हैं। उनसे पूछताछ में पता चला है कि उनकी उम्र के कई अन्य विद्यार्थी भी अलग-अलग राज्यों में अफीम की सप्लाई कर रहे हैं।यह भी पढ़ें: Jharkhand News: किसानों के लिए खुशखबरी! 90 प्रतिशत अनुदान पर सरकार देगी बीज, इन फसलों पर मिलेगी सब्सिडी; यहां करें चेकझारखंड में अफीम तस्करी का संगठित गिरोह काम कर रहा है। इसके तार पंजाब और राजस्थान तक जुड़े हैं। पंजाब के माफिया पूंजी निवेश करते हैं। राज्य के दर्जनभर से ज्यादा बड़े शख्स जुड़े हैं। खेती के बाद गांव में घूम-घूमकर अफीम इकट्ठा करते हैं। इसके बाद पंजाब और यूपी भेज देते हैं। स्थानीय तस्कर पंजाब में पहुंचाते हैं तो उन्हें वहां पर दोगुनी कीमत मिलती है। खूंटी और चतरा से तस्कर हजारीबाग तक अफीम भेज देते हैं। वहां से गिरोह के अन्य सदस्य पंजाब तक पहुंचाते हैं। गिरोह को ध्वस्त करने के लिए सूचनाएं एकत्र कर समय-समय पर कार्रवाई की जाती है- सुरेंद्र कुमार झा, एसपी, एटीएस, झारखंड।