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Hemant Soren की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में अब इस घोटाले को लेकर भी बड़ा एक्शन, एक कर्मचारी निलंबित; अफसर को भेजा गया नोटिस

Jharkhand Scam News पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को जमीन से जुड़े घोटाले के मामले को लेकर ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद झारखंड में एक और घोटाला उजागर हुआ है। पोशाक घोटाले में चर्चा में आए जिला शिक्षा अधीक्षक संतोष गुप्ता पर अब आरोप लगा है कि उन्होंने अपने चहेते लिपिक से बिना कार्य लिए 41 दिनों का वेतन भुगतान कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 08 Feb 2024 09:42 AM (IST)
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प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
अरविंद राणा, हजारीबाग। Jharkhand News पूर्व सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में एक और घटाले (Scam In Jharkhand) को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है। पोशाक घोटाले में चर्चा में आए जिला शिक्षा अधीक्षक संतोष गुप्ता पर अब आरोप लगा है कि उन्होंने अपने चहेते लिपिक से बिना कार्य लिए 41 दिनों का वेतन भुगतान कर दिया है। कार्य नहीं लिए जाने की बात उन्होंने अपने पत्र में भी स्वीकार की है।

लिपिक सतीश कुमार सिंह ने दिए गए स्पष्टीकरण में इस बात का जिक्र किया है कि उक्त अवधि में उसने कोई काम नहीं किया है। पूरे प्रकरण को क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक सुमनलता टोप्पो बलिहार ने घोर लापरवाही बताते हुए नोटिस जारी की है। तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है।

पूरे प्रकरण में घोर लापरवाही और विभागीय आदेश के अवहेलना के आरोप में लिपिक को आरडीडी ने निलंबित कर दिया है। निलंबन के दौरान सतीश कुमार सिंह को चतरा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में योगदान देने का निदेश जारी किया गया है।

रिश्वत मांगने और अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगे थे

दरअसल, जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में कार्यरत लिपिक सतीश कुमार सिंह पर रिश्वत मांगने और अनियमितता जैसे गंभीर आरोप लगे थे। आरोपों की जांच में यह सिद्ध हुआ और उन्हें पहली गलती का हवाला देते हुए चेतावनी देकर मामले को निष्पादित कर दिया था।

सतीश कुमार सिंह का आचरण में बदलाव नहीं हुआ और उन पर फिर आरोप लगे। आरोपों की जांच के बाद उनकी प्रतिनियुक्ति रामगढ़ कर दी गई थी। निर्धारित समय के बावजूद सतीश कुमार सिंह प्रतिनियुक्त स्थल पर नहीं गए।

जांच में पुष्टि होने के बाद आरडीडीई ने पत्राचार कर पूछा था कि प्रभार सौंपने हेतु एक समय-सीमा निर्धारित थी, फिर भी किस कारण लिपिक को रोके रखा गया। यह भी पूछा कि अगर इस दौरान इससे काम नहीं लिया गया तो फिर वेतन कैसे भुगतान हो गया है।

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