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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के मंच पर दिखा BJP सांसद का बेटा, सियासी हलचल तेज

हजारीबाग के बरही में सोमवार को चुनावी जनसभा का आयोजन किया गया। कांग्रेस की सभा में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे झामुमो नेत्री कल्पना सोरेन समेत कई बड़े नेता शामिल हुए। वहीं इस चुनावी मंच पर जयंत सिन्हा के बेटे आशीर सिन्हा को देखा जाना चर्चा का विषय बन गया। वह कांग्रेस का पट्टा लेकर पार्टी का समर्थन करते नजर आए। इसे लेकर सियासी हलचल भी बढ़ गई है।

By Vikash Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Mon, 13 May 2024 08:17 PM (IST)
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मंच से एकजुटता दिखाते इंडी गठबंधन के नेता। फोटो- जागरण

संवाद सहयोगी, बरही (हजारीबाग)। हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में सियासी पारा चढ़ गया है। सोमवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के इंडी गठबंधन के प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया। बरही प्रखंड मैदान में आयोजित इस चुनावी सभा में भीषण गर्मी के बावजूद काफी की संख्या में दूर-दूर गांवों से ग्रामीण पहुंचे थे।

अपने संबोधन के दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर रहे। उन्होंने भारी जोश के साथ सभा को संबोधित किया। कहा कि मोदी सरकार देश के संविधान को बदल कर रख देना चाहती है। आरक्षण को खत्म कर देना चाहती है। यदि ऐसा हुआ तो फिर से हम गुलाम हो जाएंगे।

मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

खरगे ने हम पिछड़ों, दलितों और आदिवासियों की रक्षा इसी संविधान ने की है। यदि संविधान खत्म होता है तो समझिए हमारा रक्षा कवच टूट जाएगा। फिर हमें बचाने वाला कोई नहीं रह जाएगा। इसलिए, संविधान को बचाना है।

उन्होंने हजारीबाग के लोगों से कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील करते हुए कहा कि यहां के उम्मीदवार जेपी भाई पटेल आपके अपने हैं। झारखंड की माटी की लड़ाई इन्होंने लड़ी है। इनके पिता ने आपकी सेवा की है। अब आप इन्हें संसद भेज कर झारखंड को लूटने से बचाइए। झारखंड की माटी के स्वाभिमान की रक्षा कीजिए।

मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा को झूठों की पार्टी बताया। वहीं, कांग्रेस गारंटी कार्ड की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सरकार बनती है तो हर गरीब परिवार की महिला को एक लाख सालाना देने का काम करेगी।

कल्पना सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना

वहीं, सभा को संबोधित करते हुए हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने कहा कि इस बार चुनाव भाजपा और त्राहिमाम आम जनता के बीच है। भाजपा को सत्ता में आने के बाद गरीब की आवाज बुलंद करना था, लेकिन भाजपा सरकार ने गरीबों के हक और अधिकार को छीनने का काम किया। भाजपा जुमलेबाजों की सरकार है। 2014 में भाजपा ने रोजगार के नाम पर युवाओं को जो सपना दिखाया था पूरा नहीं हुआ। देश के गरीब, गुरबा व किसान सभी परेशान हैं।

कल्पना सोरेन ने यह भी कहा कि हेमंत सोरेन ने झारखंड के हक और अधिकार के लिए लड़े तो उन्हें ही साजिश के तहत जेल भेजने का काम किया गया। हेमंत सोरेन ने 20 लाख गरीबों को राशन देने का काम किया। लोकसभा चुनाव में इस बार झारखंड की जनता भाजपा को जवाब देने के लिए तैयार है। वहीं, उन्होंने अपील की कि हजारीबाग में भी गठबंधन के प्रत्याशी जे पी पटेल को भारी मतों से जीत दर्ज कराएं।

सभा को इन नेताओं ने भी किया संबोधित

जनसभा में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, हजारीबाग लोकसभा प्रत्याशी जयप्रकाश भाई पटेल, धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष जयशंकर पाठक, बरही विधायक उमाशंकर अकेला, सूबे के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, कांग्रेस एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष केदार पासवान, कांग्रेस जिला अध्यक्ष शैलेंद्र यादव, झामुमो के संजीव बेदिया, मुन्ना सिंह बिनोद विश्वकर्मा, राजद नेत्री पूनम यादव, पूर्व अध्यक्ष अवधेश सिंह, शशि मोहन सिंह, डा. निजामुद्दीन अंसारी, छट्ठू गोप, रघुनंदन गोप, अब्दुल मनन वारसी, पदमा 20 सूत्री अध्यक्ष संजय यादव, बरही के इकबाल राजा, पूनम यादव कांग्रेस, केदार पासवान, झामुमो व राजद के दर्जनों नेताओं ने संबोधित किया।

सांसद जयंत सिन्हा का बेटा आशीर सिन्हा रहे मंच पर

भाजपा के वर्तमान सांसद जयंत सिन्हा का पुत्र व पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के पौत्र आशीर सिन्हा को पहली बार सोमवार को बरही में आयोजित कांग्रेस के चुनावी जनसभा मंच पर देखा जाना चर्चा का विषय बन गया। आशीर सिन्हा कांग्रेस का पट्टा लगाए कांग्रेस के समर्थन में नजर आए। हालांकि, आशीर सिन्हा से पूछे जाने पर बताया कि वे राजनीति में नहीं है और आना भी नहीं चाहते हैं।

राजनीति में उन्हें कोई रुचि नहीं है यह उनके बस की भी बात नहीं है। वे सिर्फ हजारीबाग लोकसभा के प्रत्याशी जेपी पटेल के समर्थन में हैं। मालूम हो कि दादा यशवंत सिन्हा के बाद अब उनके पौत्र आशीर सिन्हा मंच पर आने के बाद जयंत सिन्हा को लेकर भी कई कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं, जयंत सिन्हा अब तक मौन हैं।

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