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Hazaribagh: मनचलों की अड्डेबाजी से परेशान होकर पोस्टग्रेजुएट चाय वाली को बंद करना पड़ा अपना टी स्टॉल

पोस्टग्रेजुएट चाय वाली ने मनचलों की अड्डेबाजी से परेशान होकर अपनी टी स्टॉल बंद कर दी है। पापुलारिटी के समय नेताओं ने उससे मिलकर नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था लेकिन अब जब उसे अपनी स्टॉल को बंद करना पड़ी है तो कोई भी उसकी सुध लेने वाला नहीं है।

By arvind ranaEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 08 Dec 2022 10:44 PM (IST)
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पोस्टगैजुएट चाय वाली स्तूति टूडू ने मनचलों से परेशान होकर बंद की अपनी टी स्टॉल।
हजारीबाग,संवाद सूत्र: पोस्टग्रेजुएट चाय वाली स्तूति टूडू ने युवकों की अड्डेबाजी से परेशान होकर अपनी टी स्टॉल को बंद कर दिया। आपको बता दें कि, पोस्टग्रेजुएट  करने के बाद स्तुति ने कुछ जगहों पर काम किया लेकिन जब नौकरी नहीं जमी तो उसने खुद का व्यापार करने की ठानी।स्तुति ने अन्नदा चौक पर एक पोस्टग्रेजुएट चाय के नाम से एक टी स्टॉल खोल ली। शुरुआत में तो दुकान खूब चली और इस बीच वह काफी पापुलर भी हुई।

पापुलारिटी का आलम यह था कि, उस समय सांसद और स्थानीय नेता भी उसकी दुकान पर चाय पीने आते थे। नेताओं ने स्तुति की टी स्टॉल पर चाय पीने के साथ ही नौकरी या बेहतर काम दिलाने का अश्वासन भी दिया। आज स्तुति को मनचलों से परेशान होकर अपनी दुकान बंद करनी पड़ी लेकिन नौकरी का वादा करने वाले नेता स्तुति की सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझ रहे।

स्वाति बताती है कि, सांसद जयंत सिन्हा ने कहा था कि हम नौकरी दिलाने की कोशिश करेंगे। इस दौरान हमने एक आवेदन भी दिया लेकिन 5 माह होने के बाद भी कोई पहल नहीं हो सकी। अब मैं ठगा हुआ महसूस करने लगी हूं। लगता है कि नेता सिर्फ आश्वासन ही देते हैं। उनके द्वारा कही गई बातें धरातल पर नहीं उतरती।

बता दें कि, स्तुति टुडू एक गरीब आदिवासी युवती हैं। शादी के बाद बच्चे को जन्म देने के बाद उसने कई जगह पर काम भी किया लेकिन बेहद कम सैलरी होने के कारण वह कहीं स्थाई नहीं सकी। ऐसे में उसने खुद का टी स्टॉल खोलने का फैसला किया लेकिन मनचलों ने उसे भी बंद कर देने पर मजबूर कर दिया।

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