आंख बंद कर न करें आनलाइन खरीददारी, आर्डर किया था मोबाइल लेकिन हाथ आए ईंट और तकिए, पोस्टमास्टर को ही बनाया बंधक
यदि आप भी आनलाइन खरीददारी करते हैं तो सावधान होने की जरूरत है क्योंकि ऐसी खबरें अब आम हैं कि आर्डर कुछ और दिया था और हाथ में ईंट और पत्थर ही आए। ऐसा ही एक मामला हजारीबाग में देखने को मिला। पढ़ें पूरी खबर...
By Jagran NewsEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 22 Dec 2022 07:36 PM (IST)
हजारीबाग, जागरण संवाददाता: अगर आप भी आंख बंद करके किसी भी आनलाइन वेबसाइट या पेज के जरिए खरीददारी करते हैं तो सावधान हो जाइये। जब आप किसी ऐप या आनलाइन वेबसाइट से खरीददारी करते हैं तो यह चेक करना न भूलें कि वह खरीददारी के लिए विश्वसनीय है या नहीं, क्योंकि साइबर ठगों ने इसे भी आनलाइन ठगी का अड्डा बना लिया है। ठग वस्तुओं का रेट इतना कम दिखाते हैं कि इंसान पैसे बचाने के चक्कर में उनके चंगुल में फंस जाता है। अब ये ठग फोन करके भी भोले-भाले लोगों को अपने चंगुल में फंसा रहे हैं।
ठीक ऐसे ही एक दुकानदार को आनलाइन खरीददारी करना काफी महंगा पड़ गया। मामला चौपारण के महाराजगंज का है, जहां अशोक नाम के एक मोबाइल दुकानदार अशोक गुप्ता के पास कुछ दिन पहले एक अज्ञात नम्बर से फोन आया था और मोबाइल सहित कई अन्य चीजों के रेट के बारे में जानकारी दी थी। दुकानदार मोबाइल का रेट सुनकर उसके लोक लुभावन बातों में आ जाता है और उसे हेड फोन ,ब्लुटूथ समेत कई चीजों का ऑनलाइन ऑर्डर दे देता है।
ऑर्डर के 15 दिन बाद पोस्ट ऑफिस के माध्यम से समान पहुंच गया। सामान देने खुद पोस्टऑफिस के पोस्ट मास्टर जाते हैं। दुकानदार बिल के अनुसार पोस्ट मास्टर को 5250 रुपए का भुगतान कर देता है और पोस्ट मास्टर के सामने ही बन्द कार्टून को खोलता है। कार्टून खोलते ही दुकानदार और पोस्टमास्टर दंग रह गए।कार्टून में मोबाइल असेसिरिज के बजाय उसमें दो पीस तकिया और एक ईंट भरा मिला। यह देखते ही दुकानदार ने पोस्टमास्टर को बंधक बना लिया।
ये खबर लोगों के बीच तेजी से फैली और दुकान के पास लोगों का जमावड़ा लग गया। जिसकी सूचना प्रशासन को भी मिली। प्रशासन ने थाना में आवेदन देने को कहा और पोस्टमास्टर को छुड़वाकर अपने साथ ले गई। यह भी पढ़ें: सत्र का तीसरा दिन... सत्तापक्ष ने भाजपा को बताया झारखंड विरोधी, विपक्ष का हमला राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।