बेटे की मौत से बुजुर्ग पर टूटा गमों का टूटा गमों का पहाड़, अब मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए घिस रहे हैं चप्पल
हरिनाथ तिवारी ने 20 जनवरी से टाटीझरिया ब्लॉक के सामने आमरण अनशन पर बैठने का सोचा है क्योंकि बेटे के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए उन्हें यहां से वहां बार-बार घुमाया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद बात नहीं बन पा रही है।
संसू, टाटीझरिया (हजारीबाग)। झारखंड में हजारीबाग जिले के प्रखंड क्षेत्र टाटीझरिया के अटका निवासी वृद्ध पिता हरिनाथ तिवारी पर कुछ महीने पहले उस वक्त गमों का पहाड़ टूट गया, जब उन्होंने अपने बेटे को खो दिया था। अब वह अपने मृत पुत्र के प्रमाण पत्र के लिए पिछले चार माह से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र देने में कर्मी व अधिकारी रोज नए-नए बहानेे खोज उसे टाल दे रहे हैं।
एलआईसी के रुके हुए पैसों के लिए जरूरी मृत्यु प्रमाण पत्र
बुजुर्ग ने बताया कि अगर बेटे का मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाता, तो एलआईसी का रुका हुआ पैसा भी मिल जाता, जिससे पुत्र की 22 वर्षीय पत्नी खुशबू और डेढ़ वर्षीय बेटा सत्यम को जीने का आधार मिल जाता। उन्होंने बताया कि इस चक्कर में उन्होंने अपनी पत्नी को भी खो दिया। अब वह 20 जनवरी से टाटीझरिया ब्लॉक के सामने आमरण अनशन करने की सोच रहे हैं।
पिता ने नरकंकाल से की थी मृत बेटे की पहचान
बताते चले कि थाना क्षेत्र के बेड़म जंगल से 28 अप्रैल को बरामद नरकंकाल की पहचान अटका निवासी संजीत कुमार तिवारी के रूप में हुई थी। उनके पिता हरिनाथ तिवारी ने नरकंकाल के हाथ में पहना कड़ा और कुछ कपड़ों के आधार पर उसकी पहचान की थी।
बेटे की हत्या कर जमीन में दफनाया गया था
मालूम हो कि तिवारी की हत्या कर शव को उक्त स्थल पर गाड़ने वाले व्यक्ति ने भी स्वीकार किया था कि यह कंकाल उसी का है। उसके बाद टाटीझरिया थाना द्वारा उक्त कंकाल हरिणाथ तिवारी को अग्निसंस्कार के लिए सौंपा था। अब प्रखंड से हजारीबाग सांख्यिकी विभाग और फिर रांची के विशेष कार्य पदाधिकारी एवम सांख्यिकी निदेशालय, झारखंड रांची को पत्र भेजकर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए दिशा-निर्देश मांगा गया है।
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