Hazaribagh: ठंड के प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, उपायुक्त ने ठंड से निपटने के दिए निर्देश
शहर में बढ़ती हुई ठंड को देखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी की है।उपायुक्त नैंसी सहाय ने शीत लहर और बढ़ती ठंड से बचाव के लिए प्रबंधन करने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
By Masoom AhmedEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 07 Dec 2022 07:30 PM (IST)
हजारीबाग,जागरण संवाददाता: पिछले कुछ दिनों से ठंड का प्रकोप काफी बढ़ गया है। ठंड का अंदाजा इसी बात कि इस मौसम का सबसे न्यूनतम तापमान भी दर्ज किया जा चुका है। कड़ाके की ठंड के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
उपायुक्त ने दिए ठंड से निपटने के निर्देश
उपायुक्त नैंसी सहाय ने शीत लहर और बढ़ती ठंड को देखते हुए स्थिति से निपटने के लिए सिविल सर्जन को स्वास्थ्य संबंधी, नगर आयुक्त और बीडीओ-सीओ को अलाव की व्यवस्था करने और कंबल का वितरण करने का निर्देश दिया है। उन्होंने पशुपालन पदाधिकारी को पशुधन की सुरक्षा करने और अलर्ट मोड पर रहने से संबंधित आवश्यक निर्देश दिये हैं।
इन नम्बरों पर करें कॉल
उपायुक्त ने कहा है कि, तापमान में लगातार गिरावट हो रही है जिससे जिला में भी शीतलहर, ठण्ड, कुहासा के प्रकोप की संभावना बन रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति में पुलिस सहायता के लिये 100, अग्निशमन सहायता के लिये 101, एम्बुलेंस की सहायता एवं कंपोजिट कन्ट्रोल रुम के लिये 06546-264159 और 265233 नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।आपदा प्रबंधन ऑथारिटी ने सुझाए ठंड से बचाव के तरीके
आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा जनहित में ठंड से बचाव के तरीके सुझाये गये हैं जिनमें अत्यधिक ठंड से बचने के लिए आवश्यक गर्म कपड़ों का इस्तेमाल, घर के अन्दर सुरक्षित रहे तथा जनसंचार माध्यमोें से मौसम की जानकारी लेते रहें।रिक्शावाले, फूटपाथ पर रहने वाले, जिला प्रशासन द्वारा स्थापित रैन-बसेरा, सरकारी बस स्टैण्ड इत्यादि में ही रात बितायें। विशेषकर ऐसे जगहों पर जहां प्रशासन द्वारा अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित किया गया हो।
घने कुहासे अथवा बारिश में गाड़ी न चलायें। आवश्यक होने पर फाॅग लाईट जलाकर, धीमी गति से सावधानीपूर्वक गाड़ी चलायें। रात में अंगीठी, चुल्हा जलाकर कदापि न सोयें। सरकार द्वारा वितरित किए जा रहें कंबल एवं गर्म कपड़ों की मदद ले। किसी भी प्रकार की आपदा होने पर अपने प्रखण्ड, अंचल, अनुमंडल एवं जिला प्रशासन से संपर्क करें।
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