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ज्ञान के साथ बांटते हैं पर्यावरण प्रेम

उमेश दांगी बड़कागांव (हजारीबाग) समाज में ऐसे गुरू जी भी बहुतेरे मौजूद हैं जो ज्ञान के साथ

By JagranEdited By: Updated: Tue, 16 Jun 2020 06:14 AM (IST)
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ज्ञान के साथ बांटते हैं पर्यावरण प्रेम

उमेश दांगी, बड़कागांव (हजारीबाग): समाज में ऐसे गुरू जी भी बहुतेरे मौजूद हैं जो ज्ञान के साथ साथ पर्यावरण प्रेम का न सिर्फ संदेश बिखेरते हैं बल्कि पठन-पाठन के साथ खुद भी इन कार्याें को लेकर सक्रिय रहते हैं। ऐसे ही एक गुरू जी बड़कागांव के खैरातरी निवासी पारा शिक्षक कुलेश्वर कुमार भी हैं जो पर्यावरण संरक्षण को भी समर्पित हैं। वह प्रखंड के खैरातरी उप्रावि के पारा शिक्षक हैं। वह सुबह होते ही जंगल और वन्य जीव की सुरक्षा में जुट जाते हैं। इस कार्य के दौरान व ग्रामीणों को पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाने से रोकते हैं। जंगल में वह न सिर्फ चिड़ियों को दाना देते हैं बल्कि उनके अंडों की भी हिफाजत करते हैं। वह ग्रामीणों को जंगल में पेड़ व डाली तोड़ने वालों को सख्ती से मना करते हैं। नहीं मानने वालों के विरुद्ध वन विभाग एवं वन समिति को जानकारी देते हैं। तत्पश्चात वन समिति द्वारा पेड़ की कटाई करने वाले या पेड़ के डाल काटने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है। पेड़ पौधों और वन्य प्राणियों को भी सुरक्षा में वह सक्रिय भूमिका निभाते हैं। वन्य प्राणियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था करते हैं। इस दौरान वन मुर्गी के बिखरे हुए अंडे को एक जगह इकट्ठे कर वन मुर्गी के घोसले में सुरक्षित रख देते हैं। उनका कहना था कि अगर बिखरे अंडे को घोंसले में नहीं रखा जाएगा तो उसे विषैले सांप द्वारा बर्बाद कर दिया जाएगा।

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