Hazaribagh News: IAS नैंसी सहाय की सलाह- स्ट्रैंथ व विकनेस पहचान कर बनाएं अपनी रणनीति
Jharkhand News हजारीबाग की डीसी नैंसी सहाय और प्रशिक्षु आइएएस शताब्दी मजूमदार ने बच्चों को कामयाबी का मंत्र दिया। अपने संघर्ष की कहानी सुनाकर उन्हें प्रेरित किया। बच्चों ने भी उनकी कहानियों को रोचकता के साथ ग्रहण किया।
हजारीबाग, जागरण संवाददाता। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार के तत्वावधान में शिक्षा का अधिकार एवं सर्व शिक्षा अभियान को गति प्रदान करने हेतु हजारीबाग जिले के सरकारी विद्यालयों के नवमी से द्वादश कक्षा तक के छात्र एवं छात्राओं के लिए शैक्षणिक परामर्श सत्र का आयोजन जिला स्कूल हजारीबाग के सभागार में किया गया। इस कार्यक्रम की मुख्य संसधिका नैंसी सहाय आइएएस उपायुक्त हजारीबाग थीं। कार्यक्रम के समन्वयक डीएवी के प्राचार्य सह सीबीएससी के सीटी कोऑर्डिनेटर अशोक कुमार थे।
अभिभावक के प्रति हमेशा सम्मान का भाव रखें : डीसी
कार्यक्रम के मूल में "सब पढ़े सब बढ़ें" को ध्यान में रखते हुए उपायुक्त ने बच्चों को मोटिवेट करने के लिए अपनी सक्सेस जर्नी भी सुनाई। बच्चों को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने यह कहा कि आप अपना मूल्यांकन स्वयं करें और अपने स्ट्रैंथ और विकनेस को पहचान कर रणनीति बनाएं, अगर आप ऐसा करते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी। उन्होंने बच्चों को नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ने पर भी बल दिया। बच्चों के सवालों का जवाब देते हुए उपायुक्त ने कहा कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए समयबद्ध तरीके से तैयारी करें और अपने शिक्षक और अभिभावक के प्रति सम्मान का भाव रखें जो आपको गिरकर उठने में मदद करते हैं।
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता : शताब्दी
उपायुक्त ने बच्चों को यह भी कहा कि सिविल सर्विसेज एग्जाम के बारे में बहुत मिथ भी है। इसमें कोई दो राय नहीं कि यह भारत की कठिनतम परीक्षाओं में से एक है, लेकिन जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है। अगर जरूरी है तो केवल ईमानदार प्रयास की, जो आपको लक्ष्य तक निश्चित पहुंचाती है। इस अवसर पर प्रशिक्षु आइएएस शताब्दी मजूमदार ने भी बच्चों के प्रश्नों का माकूल जवाब देकर उन्हें प्रेरित किया। शताब्दी मजूमदार ने कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता है और ऑनेस्ट लेबर का रिवार्ड जरूर मिलता है।
असफलता से घबराने की जरूत नहीं : प्राचार्य
इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डीएवी के प्राचार्य अशोक कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि असफलता से हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि कमियों से सीख लेकर सफलता हेतु पुनः प्रयास करना चाहिए। कार्यक्रम में जिले के सभी सरकारी विद्यालयों से आए छात्रों के द्वारा अनेक प्रश्नों को पूछा गया जिसके उत्तर सुनकर वे काफी मोटिवेटेड हुए। कार्यक्रम में प्रश्न पूछने वाले छात्रों को समरीटन संस्था द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।
राष्ट्रगान के साथ इस कार्यक्रम का हुआ समापन
ज्ञात हो कि यह संस्था अनेक सामाजिक दायित्व जैसे पिछड़ी जाति बालिका विद्यालय मटवारी के बच्चों को पढ़ाना, बिरहोर बच्चों के कल्याणार्थ कार्य करना आदि कार्यों को पूर्व से करते आ रही है। कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, हिंदू उच्च विद्यालय के प्राचार्य, जिला स्कूल के प्राचार्य सहित जिले के विभिन्न सरकारी विद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाएं और बच्चे उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ ।