Hazaribagh News: मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नए भवन के लिए करना होगा दो साल का इंतजार, 2021 में पूरा करने का था लक्ष्य
Jharkhand News झारखंड के हजारीबाग में आज से करीब पांच साल पहले मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना की गई थी। पांच साल बीतने के बाद भी अबतक केवल कॉलेज के भवन का ही निर्माण हो पाया है। अस्पताल का निर्माण कार्य अब भी जारी है। अस्पताल के निर्माण कार्य के 2 के अंदर पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
By Vikash SinghEdited By: Mohit TripathiUpdated: Thu, 23 Nov 2023 05:15 PM (IST)
रमण कुमार, हजारीबाग। आरोग्यं परम भाग्यं के आदर्श वाक्य के साथ आज से करीब पांच वर्ष पूर्व जिले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल की स्थापना की गई थी। पांच वर्ष बीत जाने के बाद अब तक केवल कॉलेज के भवन का निर्माण हो पाया है, वहीं अस्पताल का अब तक निर्माण कार्य जारी है। गौरतलब है कि सदर अस्पताल को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उत्क्रमित कर अस्पताल का कार्य लिया जा रहा है।
बताते चलें कि सदर अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या और प्रमंडलीय क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। इसे लेकर करीब 465 करोड़ की लागत से मंडई में अस्पताल के लिए बी प्लस जी प्लस 6 बहुमंजिली भवन का निर्माण किया जाना है।
2021 में पूरा करने का था लक्ष्य
निर्माण कार्य का जिम्मा शापूरजी पालोनजी कंपनी को दिया गया है। वहीं, निर्माण कार्य पूरा करने के लिए विभाग के द्वारा वर्ष 2019-2021 का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन इंवायरमेंट क्लीयरेंस और कोविड महामारी के कारण निर्माण कार्य प्रारंभ ही 2021 में हो पाया। ऐसे में अस्पताल के पूरा होने में दो वर्ष का समय बर्बाद हो गया।दो साल में सिर्फ दो तल्ले का निर्माण
विगत दो साल में अब तक अस्पताल के दो तल्ले का ही निर्माण हो पाया है। बाकी का निर्माण बाकी है। साथ ही दो तल्ले का प्लास्टर, टाइल्स, बिजली, लकडी और प्लंबर का कार्य सहित अन्य कार्य बाकी है।निर्माण कार्य की यही गति रही तो विभागीय दावे के उलट अस्पताल वर्ष 2024 में भी कार्यशील नहीं हो पाएगा। लोगों को अस्पताल की सुविधा के लिए 2025 तक का इंतजार करना होगा।
क्या है निर्माण कार्य में देरी की वजह
बता दें कि मेडिकल कॉलेज के भवन का निर्माण मात्र दो वर्ष की अवधि में किया गया था, लेकिन अस्पताल के निर्माण में हो रही देर की मुख्य वजह पर्याप्त संख्या में मजदूरों का नहीं लगाया जाना है।सूत्रों की मानें, तो निर्माता कंपनी की माली हालत सही नहीं होने के कारण कार्य धीमी गति से किया जा रहा है, जबकि एक ही साथ प्रारंभ हुए दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण पूरा हो चुका है। वहां की निर्माता कंपनी एलएंडटी है।
भवन निर्माण में हो रही देरी का खामियाजा क्षेत्र के लोगों को उठाना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वर्तमान में प्रतिदिन एक हजार से अधिक की ओपीडी होती है, लेकिन स्थान की कमी के कारण डॉक्टरों व मरीजों सभी को परेशानी झेलनी पड़ती है।यह भी पढे़: Jharkhand News: 1 दिसंबर को 59वां स्थापना दिवस मनाएगी BSF, समारोह को लेकर तैयारियां तेज; गृह मंत्री हो सकते हैं मुख्य अतिथि
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