200 से अधिक आदिवासियों ने अपनाया ईसाई धर्म
लीड---------- मिशन विद्यालय पिपचो बना धर्म परिवर्तन का केंद्र दिया जाता है प्रलोभन संवाद सूत्र दारू
By JagranEdited By: Updated: Fri, 20 Aug 2021 08:50 PM (IST)
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मिशन विद्यालय पिपचो बना धर्म परिवर्तन का केंद्र, दिया जाता है प्रलोभन संवाद सूत्र दारू (हजारीबाग) दारू प्रखंड क्षेत्र में ईसाई मिशनरियों के द्वारा बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन खेल खेला जा रहा है। इस बारे में धर्म परिवर्तन कराए गए लोगों ने बताया कि उन्होंने दारू पंचायत के पिपचो में स्थित मिशन विद्यालय द्वारा विद्यालय की आड़ लेकर धर्म परिवर्तन करने का कार्य वर्षो से किया जा रहा है। प्रखंड के दिग्वार पंचायत के चानो खुर्द, अककुम्बा, बंधु टोला, पिपरा टोला, झरना आदि जगहों से अबतक दर्जनों परिवार के सैकड़ों लोगों का धर्म परिवर्तन हिदू से ईसाई धर्म में किया गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि दारू थाना से मात्र 100 मीटर की दूरी पर मौजूद मिशन स्कूल पिपचो से धर्म परिवर्तन का गोरख धंधा चल रहा है और पुलिस प्रशासन पूरी तरह से बेखबर है। दिग्वार पंचायत के चानो खुर्द निवासी बादल मरांडी, पिता कर्मा मरांडी ने बताया कि उसकी बेटी की तबीयत खराब होने पर पैसे से लाचार होने के कारण 18 माह पूर्व हिदू धर्म से ईसाई धर्म में पूरे परिवार सहित जुड़ गए। इसका कार्यक्रम मिशन स्कूल पिपचो में हुआ था। उस समय अलग अलग जगहों से आए करीब 200 लोगों का धर्म परिवर्तन कराया गया था। इसी तरह से मोहन मरांडी, अनिल मुर्मू, पिपरा टोली से किशुन मांझी बंधु टोला से महेश हेम्ब्रम आकाकुम्बा से बनी सोरेन, छोटेलाल सोरेन, कामेश्वर सोरेन सहित कुल 200 लोगों ने हिन्दू धर्म से ईसाई धर्म अपनाया । अब इन लोगों का कहना है कि उनके बच्चों को विद्यालय में आवासीय सुविधा और बच्चों का लालन पालन का सारा खर्च मिशनरी के द्वारा उठाया जाता है। विद्यालय के बीच में बने एक पानी से भरे एक टंकी में तीन बार डुबोकर हिदू धर्म छोड़ने की कसम दी जाती है। स्कूल का पक्ष जानने के लिए कई बार फोन किया गया लेकिन प्राचार्य ने फोन नही उठाया। पति ने अपनाया ईसाई धर्म तो पत्नी ने छोड़ा साथ
दिग्वार पंचायत के मोहन मरांडी पिता कर्मा मांझी ने हिन्दू धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया तो यह उसकी पत्नी को नागवार लगा उसने अपने धर्म को छोड़ने की बजाय अपनी पति को छोड़ दिया पर अपना धर्म नही बदला। उसकी पत्नी टाटीझरिया प्रखंड के जेरूवाडी अपने मायके में रह रही है।
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