Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में लहराएगा 100 फीट ऊंचा महावीरी झंडा, हिंदू-मुस्लिम कारीगरों ने बीस दिन में तैयार की पताका
हजारीबाग की रामनवमी विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस मौके पर जिले नगर-नगर डगर-डगर महावीरी पताकाओं से पट जाता है। इन महावीरी पताकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं शहर के कई मुस्लिम दर्जी जो पीढ़ियों से इस काम में लगे हुए हैं। इन्हीं कारीगरों में से एक हैं हजारीबाग के कोलघट्टी निवासी दर्जी गुलाम जीलानी और पार नाला निवासी तुलसी कुमार हैं।
मासूम अहमद, हजारीबाग। हजारीबाग की रामनवमी विश्व भर में प्रसिद्ध है। इस मौके पर जिले, नगर-नगर, डगर-डगर महावीरी पताकाओं से पट जाता है। इन महावीरी पताकाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं शहर के कई मुस्लिम दर्जी जो पीढ़ियों से इस काम में लगे हुए हैं।
इन्हीं कारीगरों में से एक हैं हजारीबाग के कोलघट्टी निवासी दर्जी गुलाम जीलानी और पार नाला निवासी तुलसी कुमार हैं। इनके द्वारा तैयार महावीरी पताका हजारीाबाग ही नहीं, बल्कि झारखंड के अधिकांश जिलों की शोभा बढ़ाते हैं। हालांकि, इन कारीगरों के नाम एक ओर एतिहासिक क्षण आने वाला है जब 22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित श्रीराम मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा दीपोत्सव कार्यक्रम शुरू होगा।
100 फुंट ऊंचा महावीरी पताका का हुआ निर्माण
इस एतिहासिक कार्यक्रम में लहराने वाले 100 फुंट ऊंचा महावीरी पताका का निर्माण इन दोनों कारीगरों ने पिछले 20 दिनों के अथक परिश्रम से तैयार किया है।
इस बारे में विश्व हिंदू परिषद झारखंड (धर्म प्रसार) के प्रदेश संरक्षक भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य सुदेश कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि इन कारीगरों द्वारा तैयार महावीरी पताका रामनवमी के अवसर पर तो पूरे झारखंड में भेजा जाता है, लेकिन इस बार 22 जनवरी को इन कारीगरों द्वारा तैयार महावीरी झंडा अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि में दीपोत्सव कार्यक्रम में भी लहरायगा और यह एतिहासिक पल का साक्षी बनेगा।
इसके अलावा इन कारीगरों के द्वारा हजारीबाग और झारखंड सहित पूरे देश को सदभावना का संदेश भी जाएगा। यह भी बताया कि यह दोनों दर्जी शहर के बड़ा बाजार स्थित वीर वस्त्रालय में सालों से अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं।
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