Hazaribagh: दारू प्रखंड के कई गांव मतांतरण की चपेट में, Conversion करना ईसाई मिशनरियों के लिए क्यों रहा आसान?
हजारीबाग जिले के प्रखंड के कई गांव मतांतरण की जद में आ गए हैं। यहां जनजातीय समुदाय के लोग अधिक रहते हैं। जंगली क्षेत्र और आवाजाही के सुगम साधन नहीं होने के कारण ईसाई मिशनरियों के लिए मतांतरण कराना आसान रहा।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Fri, 30 Dec 2022 05:09 AM (IST)
संवाद सूत्र, दारू (हजारीबाग)। हजारीबाग जिले के दारू प्रखंड के दिग्वार गांव से 15 साल पहले ईसाई मिशनरियों द्वारा मतांतरण का खेल शुरू हुआ था। देखते ही देखते प्रखंड के कई गांव मतांतरण की जद में आ गए। यह इलाका भौगोलिक रूप से जिला मुख्यालय से दूर है। यहां जनजातीय समुदाय के लोग अधिक रहते हैं। इसी का फायदा उठाकर लोगों का धड़ल्ले से मतांतरण कराया गया।
दैनिक जागरण की पड़ताल में कई बातें सामने आयी हैं। इनमें प्रमुख यह कि दिग्वार पंचायत में सीधे मतांतरण का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ। पहले यहां एक कमरें में बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर कोचिंग शुरू की गई। इसके बाद एक कमरे को चर्च बना दिया गया। वहां प्रार्थना सभाएं होने लगीं। करीब दो साल बाद वर्ष 2008 में जब इसका खुलासा हुआ तो संथाल समुदाय के लोगों उग्र हो गए। लोगों ने मतांतरण का विरोध करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं चर्च में तोड़फोड़ की। उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। आज भी दिग्वार पंचायत के चानो में यह चर्च खंडहर के रूप में स्थित है।
ग्रामीणों ने बताया कि जंगली क्षेत्र और आवाजाही के सुगम साधन नहीं होने के कारण ईसाई मिशनरियों के लिए यहां मतांतरण कराना आसान था। यहां एक पादरी और दो पास्टर भी नियुक्त किए गए थे। बाद में हंगामा और मारपीट के बाद ये सभी भाग गए।
पांच साल पहले हुए सक्रिय, चानो के चार दर्जन परिवार बने ईसाई
चानो और दिग्वार बस्ती के दर्जनों परिवार मतांतरित हो चुके हैं। 2021 में भी संथाल समाज के लोगों ने चानो में सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन कर मतांतरित पांच परिवारों की सामूहिक रूप से घर वापसी कराई थी। लेकिन अब भी इस क्षेत्र में कई परिवार ऐसे हैं जो मतांतरित हो गए हैं। क्षेत्र में पांच साल पूर्व पुन: गतिविधियां प्रारंभ हुईं। इस बार ये महिला समूह बनाकर मतांतरण कराने लगे हैं। यहां के ग्रामीण बताते हैं कि फादर अरुण और खुद धर्म परिवर्तन कर चुके अशोक राम लोगों को बहका कर ईसाई धर्म में शामिल करा रहा है।
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