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हजारीबाग में 15 एकड़ की जमीन पर बनेगी राज्य की पहली हाई सिक्योरिटी जेल, खूंखार कैदियों को यहां रखा जाएगा अलग

हजारीबाग में बनने जा रहा झारखंड की पहली हाई सिक्‍योरिटी जेल जहां खूंंखार खतरनाक कैदियों को लाकर रखा जाएगा और इन पर सख्‍ती से निगरानी रखी जाएगी। जेल में कई और भी सारे इंतजाम होंगे। इसकी डिटेल प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट जल्‍द ही बनकर तैयार होगी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 05 Jan 2023 05:00 PM (IST)
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हजारीबाग में बनकर तैयार होगी राज्य की पहली हाई सिक्यूरिटी जेल
दिलीप कुमार, रांची। हजारीबाग के लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा परिसर में राज्य की पहली हाई सिक्यूरिटी जेल बनेगी। इसका निर्माण केंद्र प्रायोजित जेल आधुनिकीकरण परियोजना के फंड से होना है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इससे संबंधित नक्शा भी केंद्र को भेज दिया गया है। इसे लेकर पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड के साथ कारा निरीक्षणालय की दो दौर की बैठक भी हो चुकी है।

जल्‍द तैयार होगी जेल संबंधित डिटेल प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट

अब झारखंड के कारा महानिरीक्षक ने झारखंड पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन लिमिटेड (जेपीएचसीएल) के मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर हाई सिक्यूरिटी जेल के निर्माण संबंधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) व प्राक्कलन जल्द तैयार कर देने को कहा है ताकि उसे एक महीने के भीतर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जा सके।

20.05 एकड़ की जमीन पर होगा जेल का निर्माण

मिली जानकारी के अनुसार, विचाराधीन हाई सिक्यूरिटी जेल के निर्माण के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग में 20.05 एकड़ की भूमि चिह्नित की गई है। इसमें से 15 एकड़ की भूमि में हाई सिक्यूरिटी जेल व शेष पांच एकड़ में आवासीय भवनों का निर्माण प्रस्तावित है।

आम बंदियों से अलग हार्डकोर बंदियों को रखने की होगी व्यवस्था

हाई सिक्यूरिटी जेल सामान्य जेल से बिल्कुल अलग होगी। यहां की सुरक्षा व्यवस्था से लेकर कैदियों के रखने तक की व्यवस्था अलग होगी। यहां केवल हार्डकोर बंदियों को ही रखा जाएगा। अब तक राज्य की जेलों में हाई सिक्यूरिटी सेल बना है, जहां ऐसे बंदियों को रखा जा रहा है।

जेल में खतरनाक कैदियों पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी

जेल आधुनिकीकरण में यह प्रविधान है कि ऐसे बंदी जो समाज के लिए बेहद खतरनाक बन चुके हैं, उन्हें सामान्य बंदियों से अलग रखा जाएगा ताकि उनका प्रभाव अन्य बंदियों पर न पड़े और वे अच्छे नागरिक बनकर जेल से बाहर निकलें। यह बंदी सुधार दिशा में भी बेहतर पहल होगी। प्रस्तावित हाई सिक्यूरिटी जेल की खासियत होगी कि जितने भी हार्डकोर उग्रवादी या अपराधी होंगे, उन्हें वहां रखा जाएगा, जिस पर कड़ी निगरानी रखने के वैसे तमाम उपाय उपलब्ध होंगे।

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