Move to Jagran APP

Jharkhand Election 2024: रामगढ़ के चुनावी रण में दो महिलाओं के बीच दंगल, AJSU और कांग्रेस में टाइट फाइट

रामगढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में दो महिला प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। कांग्रेस की ममता देवी और एनडीए समर्थित सुनीता चौधरी के बीच टक्कर है। ममता देवी 2019 में इस सीट से जीती थीं लेकिन गोला गोलीकांड मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी। 2023 में हुए उपचुनाव में सुनीता चौधरी ने जीत दर्ज की थी।

By Jagran News Edited By: Rajat Mourya Updated: Thu, 24 Oct 2024 12:30 PM (IST)
Hero Image
आईएनडीआईए प्रत्याशी ममता देवी और एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी। फाइल फोटो
देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़। रामगढ़ विधानसभा सीट (Ramgarh Vidhan Sabha Seat) पर इस बार काफी दिलचस्प मुकाबला होने वाला है। इस विधानसभा सीट पर दो महिला प्रत्याशी आमने-सामने हैं। वर्ष 2019 में रामगढ़ विस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी जीती थीं। हालांकि, गोला गोलीकांड मामले में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें अपनी विधायिकी गंवानी पड़ी थी। इसके बाद फिर वर्ष 2023 में उपचुनाव कराया गया। इसमें गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी व एनडीए प्रत्याशी सुनीता चौधरी चुनावी रणक्षेत्र में उतरीं और विजयी हुईं।

उप-चुनाव में उन्होंने ममता देवी के पति बजरंग महतो को 21970 वोटों से पराजित किया था। इस बार अपने पति की हार का बदला और गोलीकांड मामले में जेल जाने की टीस के साथ कांग्रेस प्रत्याशी ममता देवी एनडीए समर्थित सुनीता चौधरी से चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं।

लगातार तीन टर्म जीतने का रिकॉर्ड चंद्रप्रकाश के नाम:

रामगढ़ विधानसभा सीट पर अबतक हुए चुनावों में पूर्व विधायक सह गिरिडीह चंद्रप्रकाश चौधरी ही एक ऐसे प्रत्याशी रहे हैं जिन्होंने यहां से जीत की हैट्रिक लगाई है। रामगढ़ सीट से लगातार तीन बार जीतने का रिकॉर्ड इन्हीं के नाम है। चंद्रप्रकाश वर्ष 2005 से 2014 तक बतौर विधायक निर्वाचित हुए।

2023 उपचुनाव में जीतीं सुनीता चौधरी:

गोला में हुए गोलीकांड मामले में कांग्रेस पार्टी से विधायक ममता देवी को न सिर्फ अपनी विधायिकी गंवानी पड़ी बल्कि जेल भी जाना पड़ा। ऐसे में उप-चुनाव कराना पड़ा। इस बार कांग्रेस ने ममता देवी के पति बजरंग महतो पर अपना दाव लगाया था।

इधर, उप-चुनाव से पहले ही भाजपा व आजसू ने अपनी 2019 में हुई गलती को सुधारते हुए गठबंधन कर लिया, जिसका नतीजा यह हुआ की एनडीए समर्थित व आजसू पार्टी की ओर से सुनीता चौधरी ने जीत दर्ज की। सुनीता चौधरी ने बजरंग महतो को 21970 मतों से पराजित किया। सुनीता चौधरी को 115669 मत मिले थे। वहीं, बजरंग महतो को 93699 वोट प्राप्त हुआ था।

2019 में जुदा हो गए भाजपा-आजसू

वर्ष 2019 के चुनाव में आजसू-भाजपा ने अपनी राह अलग कर ली थी। दोनों दलों के बीच तालमेल नहीं होने के कारण कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी ममता देवी इस सीट से निर्वाचित हुईं। पिछले विधानसभा चुनाव में ममता देवी को कुल 99,699 मत प्राप्त हुए थे।

वहीं, आजसू पार्टी की प्रत्याशी सुनीता चौधरी को कुल 71,226 वोट मिले थे। भाजपा के प्रत्याशी रणंजय कुमार को 31,824 मत प्राप्त हुआ था। ममता देवी ने सुनीता चौधरी को 28473 मतों के अंतर से हराया था।

ये भी पढ़ें- 'जब झारखंड में छत्तीसगढ़, यूपी और बिहार का आदमी CM बनेगा...', चुनाव से पहले हेमंत सोरेन के बयान से गरमाई राजनीति

ये भी पढ़ें- जब जमानत जब्त होने के बाद भी हारू बने थे विधायक, बोकारो विधानसभा सीट के नाम दर्ज हैं अनोखे रिकॉर्ड

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।