बैंगन, टमाटर ने दिलाई बेरोजगारी से राहत, जेब में नहीं थे पैसे तो बंजर जमीन ने निभाया साथ, अब हर महीने हो रही मोटी कमाई
रोजगार नहीं मिलने पर चतरा जिले के कुछ बेरोजगार युवकों ने खेती को ही अपनी आय का जरिया बना लिया और अब इससे इनकी खूब आमदनी हो रही है। इन युवकों में रवींद्र कुमार रूपलाल कुमार और रवि कुमार शामिल हैं जो चतरा जिले के निवासी हैं। अब खेती से ही इनका घर-परिवार चल रहा है। बाजार से भी उपज का अच्छा मूल्य मिल जाता है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 30 Oct 2023 05:14 PM (IST)
मिथिलेश पाठक, टाटीझरिया (हजारीबाग)। रोजगार नहीं मिली तो खेती को ही अपने आय का जरिया बना लिया। खेती कार्य में लगे शिला इचाक, नावाटांड और सरौनी के बेरोजगार युवक की अब किस्मत भी बदल चुकी है। इन युवकों में रवींद्र कुमार, रूपलाल कुमार और रवि कुमार शामिल हैं, जो चतरा जिले के निवासी हैं।
फसलों की उपज से हो रही अच्छी आमदनी
इन्होंने बताया कि वे पिछले दस वर्षों से विभिन्न गावों में लीज पर जमीन लेकर सब्जियां उगाने का काम करते आ रहें हैं।
इस वर्ष वे टाटीझरिया के खंभवा में लगभग 10 एकड़ की जमीन जो परती पड़ा हुआ था, उसे चुना और इसे जमीन मालिक से लीज पर लेकर खेती की है।
बताया कि यहां झाड़ियां उगी हुई थीं, जिसे साफ करवाया और बैंगन तथा टमाटर की खेती किया है। अब इनकी उपज निकलने लगी है, इनकी अच्छी आमदनी के आसार हैं।यह भी पढ़ें: दूसरी औरत के चक्कर में पिशाच बना पिता, नींद से उठाकर दो साल के मासूम को पानी में डुबोकर दी मौत
अच्छे से हो पा रहा है परिवार का भरण पोषण
रवींद्र ने बताया कि वे खेती कर अपने घर -परिवार का भरण -पोषण करते हैं। यहां उन्होंने लगभग तीन लाख रुपये लगाए हैं। बगल में चेकडैम और बांध है। दोनों जलाशयों से सिंचाई का कार्य करते हैं।गांव में मजदूर भी आसानी से मिल जाते हैं। सब्जियों के बिक्री के लिए उन्हें कहीं बाहर नहीं जाना पड़ता है। दो -चार दिनों में व्यापारी आकर साइड (खेत) से ही सब्जी ले जाते हैं। उन्हें बैगन का अच्छा बाजार मूल्य मिला, जिससे वे संतुष्ट नजर आए। इनके चेहरे खिले हुए थे।
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