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Air India : टाटा संस को बड़ा झटका, एयर इंडिया के नए सीईओ आयसी ने ज्वाइन करने से किया इंकार

Air India टाटा संस को बड़ा झटका लगा है। एयर इंडिया के नवनियुक्त ने एयर इंडिया ज्वाइन करने से इनकार कर दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोआन के सलाहकार रह चुके आयसी पर अल-कायदा से संबंध रखने का आरोप लग रहा था।

By Jitendra SinghEdited By: Updated: Tue, 01 Mar 2022 02:06 PM (IST)
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Air India : टाटा संस को बड़ा झटका, एयर इंडिया के नए सीईओ आयसी ने ज्वाइन करने से किया इंकार

जमशेदपुर : टाटा संस को बड़ा झटका। एयर इंडिया के नवनियुक्त सीइओ ने भारत में सेवा देने से इंकार कर दिया है। पिछले महीने, टाटा संस ने एयर इंडिया के सीईओ और एमडी के रूप में तुर्की एयरलाइंस आयसी के पूर्व अध्यक्ष की नियुक्ति की घोषणा की थी। तुर्की के इल्कर आयसी ने टाटा समूह के एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनने से इनकार कर दिया है। उनकी नियुक्ति की घोषणा के कुछ दिनों बाद भारत में विरोध हुआ था।

पिछले महीने, टाटा संस ने 2.4 बिलियन डॉलर के इक्विटी और ऋण सौदे में कर्ज में डूबी एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था। टाटा समूह ने टर्किश एयरलाइंस आयसी के पूर्व अध्यक्ष को एयर इंडिया के सीईओ और एमडी के रूप में कर्ज में डूबे के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की थी। टाटा समूह को बेचे जाने के बाद एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिए यह कदम उठाया गया था।

अल-कायदा के संबंध होने का था आरोप

इल्कर आयसी का हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा स्वदेशी जागरण मंच विरोध कर रहा था। तुर्की के राष्ट्रपित अर्दोआन के सलाहकार रह चुके आयसी पर अल कायदा के वित्तीय प्रमुख से संबंध होने की बात कही जा रही है। गृह मंत्रालय भी आयसी को लेकर संशय में था। वह खुफिया एजेंसी रॉ से उनकी पृष्ठभूमि की जांच कराने की बात कर रहा था। कई हिंदूवादी संगठन उनकी नियुक्ति पर सवाल उठा रहे थे। इसमें उनके तुर्की में उनके पिछले राजनीतिक संबंधों का उल्लेख किया जा रहा था।

उन्हें तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन (Racep Tayyip Erdogan) के करीबी के रूप में देखा जाता है, जिन्हें पाकिस्तान का एक प्रमुख सहयोगी माना जाता है। आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि केंद्र सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा को ख्याल रखते हुए एयर इंडिया के सीईओ और एमडी पद के लिए इल्कर की नियुक्ति को मंजूरी नहीं देनी चाहिए।

स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने हाल ही में कहा था कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर पहले से ही संवेदनशील है। जब उनसे पूछा गया था कि स्वदेशी जागरण मंच सीईओ और एमडी के पद के लिए इल्कर की नियुक्ति का विरोध क्यों कर रहा है, महाजन ने दोहराया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।

70 साल बाद एयर इंडिया की हुई घर वापसी

एयर इंडिया के राष्ट्रीयकरण के लगभग सात दशक बाद जनवरी में इसे संस्थापक टाटा समूह को वापस सौंप दिया गया था। कर्ज में डूबी इस एयरलाइंस को बेचने के लिए सरकार द्वारा वर्षों के संघर्ष को सीमित करते हुए। यह एयर इंडिया के लिए एक घर वापसी थी जिसने 1953 में राष्ट्रीयकरण से पहले 1932 में टाटा एयर सर्विसेज के रूप में परिचालन शुरू किया था।

आयसी को इस साल 1 अप्रैल को या उससे पहले अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के लिए कहा गया था। बयान में कहा गया था कि नए पद पर उनकी नियुक्ति अपेक्षित नियामक अनुमोदन के अधीन थी। 51 साल के Ayciतुर्की के बिल्केंट विश्वविद्यालय और यूके के लीड्स विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने तुर्की के मरमारा विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंध मास्टर डिग्री भी प्राप्त की है।

उनके ब्लूमबर्ग प्रोफाइल के अनुसार, Ayci ने कई कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया है, जिसमें Gunes Ekspres Havacilik AS शामिल है जो तुर्की-जर्मन एयरलाइन SunExpress का संचालन करती है। उन्होंने जनवरी में अपने टर्किश एयरलाइंस के पद से इस्तीफा दे दिया था। तुर्की के नागरिक इल्कर आयसी (Ilker Ayci) ने टाटा के एयर इंडिया (Air India) के मुख्य कार्यकारी बनने से इनकार कर दिया है। दरअसल उनकी नियुक्ति की घोषणा के कुछ दिनों बाद भारत में विरोध हुआ था।

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