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Indian railways : दक्षिण-पूर्व रेलवे का एक और कीर्तिमान, नवंबर में 13.64 हजार टन पार्सल पहुंचाया

South-Eastern Railway Record. कोरोना महामारी के दौर में जब पूरे देश में लॉकडाउन था तब भी दक्षिण- पूर्व रेलवे ने देश के किसी भी कोने में खाद्यान्न की कमी नहीं होने दी। इस जोन ने देश भर में अपने नेटवर्क की मदद से खाद्यान्नों की आपूर्ति की।

By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Fri, 25 Dec 2020 08:21 AM (IST)
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टाटानगर स्‍टेशन पर मालगाड़ी से सामान उतारते कर्मचारी।

जमशेदपुर, जासं। दक्षिण- पूर्व रेलवे ने पार्सल ढुलाई में एक और कीर्तमान हासिल किया है। नवंबर माह में दक्षिण- पूर्व रेलवे ने 13.64 हजार टन पार्सल और सामान की ढुलाई की है। इसमें मुख्य खाद्य सामान में किराना के सामान, पीपीइ किट, मास्क, सैनिटाइजर, दस्ताने, मछली, फल, अंडे, कपास के सामान, गन्ने, सब्जियां, प्याज, लहसून सहित दैनिक उपभोग के कई सामान शामिल हैं। 

दक्षिण -पूर्व रेलवे का कहना है कि इन सामान की ढुलाई से एक से 30 नवंबर के बीच रेलवे ने 500.95 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। इससे पहले भी दक्षिण - पूर्व रेलवे ने कोविड 19 के कारण हुए लाकडाउन में नया कीर्तिमान स्थापित किया था। एक से 30 नवंबर के बीच दक्षिण- पूर्व रेलवे ने चक्रधरपुर और रांची डिविजन में आने वाले 26 रैक से कुल 48 हजार 894 टन खाद्यान्न उतारा था। इसमें चावल के 20 और गेहूं के छह रैक शामिल हैं।

 लॉकडाउन में भी जारी रही सेवा

रेल प्रबंधन के अनुसार महामारी के दौर में जब पूरे देश में लॉकडाउन था तब भी दक्षिण- पूर्व रेलवे ने देश के किसी भी कोने में खाद्यान्न की कमी नहीं होने दी। इस जोन ने देश भर में अपने नेटवर्क की मदद से खाद्यान्नों की आपूर्ति की। 20 मार्च से 30 नवंबर के बीच दक्षिण- पूर्व रेलवे ने 237 रैक से कुल 5,67,378 लाख टन अनाज और नमक की ढुलाई की। इसमें 149 रैक में 3,56,706 टन गेहूं, 75 रैक में 1,79,550 टन चावल और 13 रैक से 31,122 टन नमक शामिल है। इनमें दक्षिण- पूर्व रेलवे ने कलाईकुंडा, खड़गपुर, रूपसा, संकरील गुड्स यार्ड में इन सभी सामान के उठाव व ढुलाई की है।

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