Arvind Kejariwal : 'बजरंगबली की कृपा से बेल...', अरविंद केजरीवाल का दावा, 'मर्दानी' से कर दी कल्पना सोरेन की तुलना
Arvind Kejariwal In Jharkhand झारखंड की धरती पर मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने अपने जेल जाने और बाहर आने को भगवान की कृपा बताया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को याद किया। लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कल्पना सोरेन की तुलना रानी से कर दी।
जासं, जमशदेपुर। Arvind Kejariwal : जमशेदपुर लोकसभा सीट पर 25 मई को होने वाले चुनाव के पहले राजनीतिक माहौल गरमा गया है। गोपाल मैदान में इंडी गठबंधन की विशाल जनसभा में मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजनीतिक षड्यंत्र के तहत फंसाकर जेल में डाल दिया गया। रैली में आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन समेत कई नेता मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि तानाशाहों के कारण आज हेमंत सोरेन जेल में हैं। उन्हें झारखंड का बच्चा-बच्चा प्यार करता है। हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन को झारखंड की झांसी की रानी बताते हुए कहा कि वह आज मोदी को चुनौती दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने जिस मंशा से हम दोनों को जेल में डाला था वो सफल नहीं हुई। ठीक उसका उल्टा हो गया। पार्टी बिखरने के बजाय एकजुट हो गई। झामुमो के साथ भी ऐसा ही हुआ। इस बार झारखंड में इंडी गठबंधन को 14 सीटें मिलेंगी।
एससी का आरक्षण खत्म करना चाहती है मोदी सरकार
केजरीवाल ने आदिवासी समाज को लेकर मोदी पर तीखा हमला किया और उन्हें 'डरपोक' करार दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अनुसूचित जाति व ओबीसी का आरक्षण खत्म करना चाहती है। इसलिए 400 पार का नारा दिया है। ताकि संविधान में परिवर्तन किया जा सके।केजरीवाल का आरोप, आदिवासियों से नफरत करते हैं मोदी
केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आदिवासियों से नफरत करते हैं। हेमंत सोरेन पूरे देश में आदिवासी समाज के सबसे बड़े नेता हैं। तभी जेल में डाल दिया। शिबू में झारखंड राज्य के लिए तपस्या की। इस दिन के लिए संघर्ष किया था।
बीमार बाप की सेवा नहीं करने दिया। राम मंदिर का उद्घाटन राष्ट्रपति कराना चाहिए था। आदिवासी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया। इतना अपमान? मोदी ने आदिवासी समाज को ललकारा, 'चुड़ियां पहन रखी हैं आपने क्या, कुछ करोगे ना?' बटन की आवाज मोदी के कानों में गूंजना चाहिए।
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