एक किलो दूध और पंजाबी स्पेशल चारा है इस बकरे का नाश्ता, नाम है सलमान
यह बकरा बकरा घास या भूसा नहीं बल्कि अनाज खाता है। दोपहर और रात को बकरे को अनाज में चना जौ और मकई दी जाती है। सुबह की सैर के बाद बकरे का नाश्ता होता है।
जमशेदपुर, मुजतबा हैदर रिजवी। राजस्थान के श्रीगंगानगर से लाया गया बीटल नस्ल के इस बकरे का नाम है सलमान। 128 किलो वजन के इस खूबसूरत बकरे का नाश्ता एक किलो दूध है। साथ ही बकरा पंजाब से आया स्पेशल चारा भी खाता है। ये बकरा जब आमबगान में बिकने के लिए आया तो इसे देखने के लिए लोग उमड़ पड़े। बकरा एक लाख 20 हजार रुपये में बिका।
बीटल नस्ल के इस बकरे को गोलमुरी के मो. ताजुद्दीन गौरी राजस्थान से खरीद कर महीना भर पहले जमशेदपुर लाए। इन्होंने बकरा जिससे खरीदा उसी ने इसके आहार के बारे में बता दिया था। ताजुद्दीन को बताया गया था कि इसके खाने का खास ख्याल रखना वरना इसकी खूबसूरती बिगड़ सकती है। ताजुद्दीन बताते हैं कि शेरा सुबह और शाम आधा-आधा किलो दूध पीता है। इसके अलावा, पंजाब से आया स्पेशल चारा खाता है। बकरा घास या भूसा नहीं बल्कि अनाज खाता है। दोपहर और रात को बकरे को अनाज में चना, जौ और मकई दी जाती है। सुबह की सैर के बाद बकरे का नाश्ता होता है। बकरा जमीन पर नहीं बैठता बल्कि इसके लिए एक चौकी खरीदी गई है। 15 किलो चारे की कीमत 2000 रुपया
ताजुद्दीन गौरी बताते हैं कि बकरे के स्पेशल चारे की कीमत 2000 रुपये है। पंजाब से ये चारा बोरियों में भर कर बेचा जाता है। एक बोरी में 15 किलो चारा होता है। एक बोरी चारा पांच दिन चलता है।
मलेरकोटला से आया एक लाख का चारा
ताजुद्दीन ने बताया कि राजस्थान से वो शेरा जैसे पांच बकरे खरीद कर लाए हैं। इनमें से चार बकरे बिक गए हैं। बकरों को खिलाने के लिए उन्होंने पंजाब के मलेरकोटला से 50 बोरी स्पेशल चारा मंगवाया है। ये चारा रेलवे से पार्सल के जरिए जमशेदपुर आया है।
बकरीद पर होगी कुर्बानी
12 अगस्त को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन बकरों की कुर्बानी दी जाएगी। जमशेदपुर में बकरा मंडी में रोज लाखों रुपये के बकरों की खरीद-फरोख्त हो रही है। यहां स्थानीय के अलावा पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश से लाए गए बकरे बिक रहे हैं।
अब खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस, डाउनलोड करें जागरण एप