नहीं रहे 'जयति जय काशी वाले ' के रचयिता, अनुराधा पौडवाल के गुरु थे रामलाल शर्मा
देश के बहुत से कलाकारों ने रामलाल शर्मा के भजन गाए। इनमें साधना सरगम बाला सुब्रमण्यम अनुराधा पौडवाल राजेश लोहिया सरिता ओझा आदि शामिल हैं।
By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Wed, 24 Apr 2019 11:17 AM (IST)
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। लौहनगरी के महान भजन रचयिता गुरुजी रामलाल शर्मा नहीं रहे। मंगलवार को सुबह 9.40 बजे टीएमएच में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी उम्र 93 साल थी। 18 अप्रैल को सांस लेने में तकलीफ और बदन भारी होने की शिकायत पर परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए टीएमएच में भर्ती कराया। इसके बाद स्वास्थ्य जांच में उन्हें लगातार कोई न कोई समस्या निकल ही रही थी। अंत में मंगलवार को वे जिंदगी से जंग हार गए। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को सुबह 10 बजे पार्वती घाट पर होगा।
सोनारी डिस्पेंसरी रोड के रहने वाले रामलाल शर्मा पिछले 60 वर्षों से भजन लिख रहे थे। उनका सबसे प्रसिद्ध भजन 'जयति जय काशी वाले... था। लखबीर सिंह लक्खा ने जितने भजन गाए हैं, वो रामलाल शर्मा ने ही लिखे थे। लक्खा के अलावा भी देश के बहुत से कलाकारों ने रामलाल शर्मा के भजन गाए। इनमें साधना सरगम, बाला सुब्रमण्यम, अनुराधा पौडवाल, राजेश लोहिया, सरिता ओझा आदि शामिल हैं। रामलाल के मशहूर भजनों में कांवर की महिमा सुनिए..., सुना रहा हूं दास्तान है..., जयति जय काशी वाले..., उड़े-उड़े बजरंगबली जब उड़े उड़े..., अंजनी पुत्र है वीर बजरंग... आदि शुमार हैं। रामलाल शर्मा अपने पीछे दो पुत्र और तीन पुत्रियों का भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं।
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