Tata Motors के पक्ष में आया बड़ा फैसला, कैंटीन सुविधाओं पर नहीं लगेगा अब कोई जीएसटी
टाटा मोटर्स के लिए राहत भरी खबर है। अब कैंटीन के लिए भुगतान की गई राशि पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। हाल ही में एएआर के गुजरात खंडपीठ ने यह फैसला दिया है। इस फैसले का अन्य कंपनियों पर भी असर पड़ेगा।
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Mon, 23 Aug 2021 06:13 PM (IST)
जमशेदपुर। कर्मचारियों को उनके नियोक्ताओं द्वारा प्रदान की जाने वाली कैंटीन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए भुगतान की गई राशि पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा, एएआर ने फैसला सुनाया है। टाटा मोटर्स ने अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (एएआर) की गुजरात पीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें इस पर फैसला लेने की मांग की गई थी कि क्या कैंटीन सुविधा के उपयोग के लिए कर्मचारियों से वसूल की गई मामूली राशि पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लागू है।
टाटा मोटर्स वहन करता है कैंटीन शुल्ककंपनी ने यह भी फैसला करने की मांग की कि क्या फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को दी जाने वाली कैंटीन सुविधा पर सर्विस प्रोवाइडर द्वारा लगाए गए जीएसटी पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) उपलब्ध है। अपने फैसले में, एएआर ने देखा कि टाटा मोटर्स ने अपने कर्मचारियों के लिए एक कैंटीन की व्यवस्था की है, जो एक तीसरे पक्ष के कैंटीन सेवा प्रदाता द्वारा संचालित है। उनकी व्यवस्था के अनुसार, कैंटीन शुल्क का एक हिस्सा टाटा मोटर्स द्वारा वहन किया जाता है जबकि शेष भाग उसके कर्मचारियों द्वारा वहन किया जाता है। उक्त कर्मचारियों के कैंटीन शुल्क का हिस्सा कंपनी द्वारा एकत्र किया जाता है और कैंटीन सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान किया जाता है।
कोई प्रोफिट मार्जिन नहीं लेती टाटा मोटर्स
इसके अलावा, टाटा मोटर्स ने कहा कि कैंटीन शुल्क के कर्मचारियों के हिस्से को इकट्ठा करने की इस प्रक्रिया में वह अपने पास कोई प्रोफिट मार्जिन नहीं रखता है। अपने फैसले में एएआर ने कहा कि कैंटीन सुविधा पर भुगतान किए गए जीएसटी पर आईटीसी जीएसटी अधिनियम के तहत ब्लॉक्ड क्रेडिट है और आवेदक के लिए अस्वीकार्य है। एएआर ने कहा, "आवेदक के हाथों जीएसटी, कैंटीन शुल्क के कर्मचारियों के हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाली राशि पर नहीं लगाया जाता है, जिसे आवेदक द्वारा एकत्र किया जाता है और कैंटीन सेवा प्रदाता को भुगतान किया जाता है।"
इस फैसले का अन्य कंपनियों को भी मिलेगी राहत विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में सब्सिडी वाली खाद्य सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनियां कर्मचारियों से की गई खाद्य वसूली पर 5 प्रतिशत टैक्स लगा रही हैं। प्राधिकरण ने फैसला सुनाया है कि जहां कैंटीन का शुल्क नियोक्ता द्वारा वहन किया जाता है और कर्मचारियों से केवल मामूली हिस्सा लिया जाता है, ऐसी वसूली पर कोई जीएसटी देय नहीं होगा। सभी कॉर्पोरेट करदाताओं के लिए कर-कुशल कर स्थिति लेने के लिए इस निर्णय का पर्याप्त प्रेरक मूल्य है।
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