Jharkhand: भाजपा ने किया लैंड पूल विधेयक का विरोध, कहा-आदिवासियों की जमीन लूटने की साजिश
Jharkhand Politics झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक 2021 को काला विधेयक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सूबे की हेमंत सोरेन सरकार पर तीव्र हमला बोला है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार की कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े किए।
By Rakesh RanjanEdited By: Updated: Tue, 06 Apr 2021 09:42 AM (IST)
जमशेदपुर, जासं। Jharkhand Politics झारखंड क्षेत्रीय विकास प्राधिकार संशोधन विधेयक 2021 को काला विधेयक बताते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सूबे की हेमंत सोरेन सरकार पर तीव्र हमला बोला है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत झारखंड सरकार की कार्यसंस्कृति पर गंभीर सवाल खड़े किए।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि सीएनटी और एसपीटी जैसे संवेदनशील क़ानून के अस्तित्व को समाप्त करने की मंशा से सत्तारूढ़ गठबंधन ने बग़ैर सदन में चर्चा के चोरी- छिपे विधेयक को पारित कराया। भाजपा ने इस विधेयक को आदिवासियों की ज़मीन लुटवाने वाला सरकारी समर्थन प्राप्त काला क़ानून करार देते हुए राज्यपाल से त्वरित हस्तक्षेप और विधेयक को वापस करने का आग्रह किया है। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बजट सत्र के आख़िरी दिन ऐसे विधेयक को बगैर चर्चा के पारित करना सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को उज़ागर करता है। कहा कि सीएनटी और एसपीटी एक्ट के उल्लंघन और बाईपास करने का तरीका हेमंत सरकार द्वारा निकाला गया है। इन संवेदनशील विषयों पर हमेशा से व्यापक चर्चा की आवश्यकता रही है। वैसे महत्वपूर्ण विषयों को अपने नज़दीकी कॉरपोरेट घरानों के दबाव में और चंद पदाधिकारियों की सुनियोजित साजिश के साथ सीएम हेमंत सोरेन के हस्ताक्षरयुक्त विधेयक राज्य सदन के पटल पर रखा गया और बगैर चर्चा के पारित कराया गया।
सीएनटी-एसपीटी क़ानून के अस्तित्व को कमज़ोर करने का षड्यंत्र
भाजपा ने आरोप लगाया कि चंद भू-माफियाओं को लाभान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने सीएनटी-एसपीटी क़ानून के अस्तित्व को कमज़ोर करने का षड्यंत्र किया है। भाजपा ने इसका विरोध करते हुए झारखंड राज्यपाल से विधेयक वापस करने का आग्रह किया है। भाजपा प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री की चुप्पी पर भी तंज कसा है। कहा कि सीएनटी-एसपीटी संशोधन के मामले में विपक्ष में रहते पिछली सरकार का सदन से सड़क तक विरोध करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज इतने कमज़ोर और मौन क्यों हैं। गठबंधन की किन मजबूरियों के कारण आदिवासियों के भूमि लूट की सरकारी समर्थन की कवायद की जा रही है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि ऐसे क़ानून के प्रभावी होने से राज्य में अराजकता बढ़ेगी और अवैध भूमि कारोबारियों के हौसले बुलंद होंगे।
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