Bollywood News : इस बॉलीवुड सिंगर को कभी प्रिंसिपल ने लगाई थी झिड़की, आज ग्रैमी नॉमिनेशन ने फिल्मफेयर तक झोली में
Bollywood News अगर आप सपने देखते हैं। उसके लिए हाड़-तोड़ मेहनत करते हैं तो सफलता तो यूं ही कदम चूम लेगी। जमशेदपुर से मुंबई पहुंची शिल्पा ने आज बॉलीवुड में 15 साल पूरे कर लिए। स्कूल में बैंकबेंचर रही शिल्पा आज गायकी की दुनिया में राज कर रही है...
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Mon, 17 Jan 2022 06:30 AM (IST)
जितेंद्र सिंह, जमशेदपुर : कहते हैं, अगर दिल में जुनून हो तो खुद ब खुद सफलता की राहें आसान बन जाती है। छोटे से शहर जमशेदपुर से लेकर मुंबई तक का सफर आसान नहीं होता। लेकिन बॉलीवुड सिंगर शिल्पा राव ने न सिर्फ यह सफर पूरा किया, बल्कि ग्रैमी अवार्ड के लिए नामांकित हुई और फिल्मफेयर अवार्ड भी जीते। शिल्पा राव ने आज बॉलीवुड में 15 साल की संगीतमय यात्रा पूरी की और वह इसका श्रेय शंकर महादेवन को देना जाहती है।
कई हिट फिल्मों के गानों में आवाज दे चुकी हैं शिल्पाम्यूजिक इंडस्ट्री के इन 15 वर्षों में शिल्पा राव ने हमें खुदा जाने (बचना ऐ हसीनों), मनमर्जियां (लुटेरा), यारियां (कॉकटेल), अंजाना अंजानी का टाईटल ट्रैक, घुंघरू (वॉर), मलंग (धूम-3), शाबाशियां (मिशन मंगल) जैसे कई सुपरहिट गाने दिए हैं।
स्कूल प्रिंसिपल की वो बात और शिल्पा बन गईं स्टार सिंगर
इस विशेष बातचीत के दौरान शिल्पा ने अपनी जिंदगी का एक किस्सा भी बताया। उन्होंने बताया कि 13 की उम्र में गायकी की शुरुआत कर अपनी पहचान बनाई थी। जब वह 11वीं क्लास में थी तो स्कूल प्रिंसिपल ने कहा कि तुम लड़की हो इसलिए कॉमर्स सब्जेक्ट लेकर आसान फील्ड में करियर बनाओ। यह बात उन्हें पसंद नहीं आई। इसके बाद पढ़ाई के साथ संगीत की शिक्षा ली। शिल्पा का मानना है कि लड़की हो या लड़का अपनी जिंदगी की प्लानिंग खुद करनी चाहिए। उनके माता-पिता ने उनको हर तरह से मदद की।
स्कूल में काफी शांत स्वभाव की थीजमशेदपुर में अपने जीवन को याद करते हुए, वह कहती है, "जमशेदपुर में अपने जीवन के 18 वर्षों के में मैं एक बहुत ही शांत लड़की थी। स्कूल में भी काफी शांत रहा करती थी। अगर मैं जमशेदपुर में ही होती तो शायद कोई नहीं जानता। मुंबई आने के बाद सबकुछ बदल गया।
शंकर महादेवन के प्रति जताया आभारमुंबई से दूरभाष पर दैनिक जागरण से बात करते हुए शिल्पा ने कहा, शंकर महादेवन सर ने मेरी संगीतमय यात्रा में मेरी बहुत मदद की है। जब मैं उनसे पहली बार मिली तो जिंगल गाने के लिए कहा। बाद में फिल्म अनवर के लिए मिठुन व नरेश जी (मिठुन के पिता) ने पहला ब्रेक दिया।उन्होंने मुझे बिठाया और कहा कि पहले आप जिंगल के लिए रिकॉर्डिंग शुरू करें जो आपको आपका अगला कदम देगा। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने वास्तव में मेरी मदद की जब मैं पहली बार मुंबई आया और मुझे दिया। 'अनवर' के लिए मिथुन और नरेश जी (मिथुन के पिता) ने मुझे पहला ब्रेक दिया।
तब से लेकर अबतक विशाल-शेखर, प्रीतम, रहमान सर, के साथ काम करने का मौका मिला। नामों की सूची काफी लंबी है। मैं उन सभी लोगों को धन्यवाद कहना चाहूंगी, जिन्होंने माइक के पीछे खड़ा होने का मौका दिया। मैं अपने सभी प्रशंसकों को धन्यवाद देना चाहती हूं। उनके बिना यह संभव नहीं होगा।
घोड़ाबांधा की रहने वाली है शिल्पा, एलएफएस से की 10वीं तक की पढ़ाईटेल्को के घोड़ाबांधा निवासी शिल्पा राव का जन्म 11 अप्रैल 1984 को जमशेदपुर (झारखंड) में हुआ। पिता एस. वेंकट राव (एमटेक, मेकेनिकल) टाटा मोटर्स में डिजाइन इंजीनियर थे, लिहाजा शुरू से टेल्को कालोनी में ही रहे। शिल्पा ने दसवीं तक की पढ़ाई लिटिल फ्लावर स्कूल टेल्को और प्लस टू लोयोला से किया। स्कूल में इनका नाम अपेक्षा है, जबकि शिल्पा पुकार का नाम।
आगे की पढ़ाई मुंबई में की, जहां से मैथेमेटिक्स में बीएससी आनर्स, फिर बंबई विश्वविद्यालय से मैथ में पीजी की। इनके पिता भी संगीत में रुचि रखते थे, उन्होंने म्यूजिक में एमए भी किया है। इसलिए शुरुआत में संगीत गुरु पिता ही रहे। इस बीच टेल्को में होने वाले संगम कला ग्रुप की प्रतियोगिता से जुड़ी, तो दिल्ली के फाइनल राउंड तक पहुंच गई। हौसला बुलंद हुआ, तो करियर बनाने के लिए हम मुंबई गए। पिताजी ने जाने-माने गायक हरिहरन से संपर्क किया, ताकि उनकी शागिर्द बन सकें।
अभी भी रियाज करना नहीं भूलती शिल्पाशिल्पा को बॉलीवुड से जुड़े चाहे 15 साल हो गए हों, लेकिन आज भी वह रियाज करती हैं। वह कहती हैं, मुझे नहीं लगता कि ऐसा कोई दिन रहा हो जब मैंने अपने संगीत पर काम नहीं किया हो या इसके बारे में नहीं सोचा हो। मेरे जीवन का हर दिन संगीत को समर्पित है। मैं हमेशा अपने प्रशंसकों के लिए कुछ नया करने की कोशिश करती हूं।
ग्रैमी के लिए हुईं नॉमीनेटशिल्पा राव को ग्लोबल म्यूजिक एल्बम कैटेगरी में ग्रैमी अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। उन्हें अनुष्का शंकर की एल्बम लव लेटर्स के चलते ग्रैमी अवार्ड में नॉमिनेशन मिला। इससे पहले उन्होंने कहा था कि ग्रैमी उनकी लिस्ट में था ही नहीं। हालांकि, इस पर शिल्पा का कहना है कि उन्हें और अच्छा काम करना है।'लिविंग इन द मोमेंट' जरूरी
बॉलीवुड सिंगर शिल्पा राव का कहना है कि जब फिल्म 'अनवर' के लिए उन्होंने अपने पहले गाने को रिकॉर्ड किया था तो उस वक्त उन्हें बिल्कुल भी नहीं लगा था कि बॉलीवुड में अपने सफर को जारी रखेंगी। उनका कहना है कि 'लिविंग इन द मोमेंट' यानी उस वक्त जो आप कर रहे हो, उस पर फोकस करना जरूरी है। मैंने भी यही किया और अब भी जो मैं कर रही हूं मेरा सारा फोकस उसी पर है। जाहिर सी बात है कि कोरोना महामारी ने हम सबको सिखा ही दिया है कि आप जहां है, आप उस पर फोकस करें।संगीतकार मिथुन और उनके पिता शिल्पा राव के लिए हैं खासशायद ये बात बहुत कम लोग ही जानते हैं कि संगीतकार मिथुन ने ही शिल्पा राव को 'जावेदा जिंदगी' गाने को कहा था। शिल्पा का कहना है कि मिथुन और उनके पिता नरेश का उनके जीवन में बेहद अहम स्थान है। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया। इंडस्ट्री में किसी भी नए कलाकार को मौका देने के लिए एक बड़ा दिल होना चाहिए और उन्होंने मुझ पर विश्वास किया। शिल्पा राव कहती हैं कि अब महिला गायक के प्रति लोगों का नजरिया बदला है। पहले से ज्यादा समानता का भाव देखने को मिल रहा है।कुछ भी आसान नहीं होताशिल्पा बताती हैं कि किसी के लिए लिए कुछ भी पाना आसान नहीं होता है। आपको हर चीज के लिए प्रयास करना होता है। आज जहां हूं, वहां पहुंचना मेरे लिए कभी आसान नहीं था। चीजें अपने आप नहीं होती हैं। अगर होती भी हैं तो वे ज्यादा दिन नहीं टिकती हैं। इसलिए इंसान को कभी हार नहीं माननी चाहिए।
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