आरएसएस के विजया दशमी महोत्सव में जुटे केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, रघुवर दास व सरयू राय
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जमशेदपुर महानगर इकाई ने एग्रिको स्थित ट्रांसपोर्ट मैदान में विजयदशमी उत्सव सह संघ का स्थापना दिवस मनाया जिसमें केंद्रीय मंत्री (जनजातीय मामले) अर्जुन मुंडा भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी जुटे।
By Jagran NewsEdited By: Uttamnath PathakUpdated: Wed, 05 Oct 2022 08:25 PM (IST)
जमशेदपुर, जासं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की जमशेदपुर महानगर इकाई ने एग्रिको स्थित ट्रांसपोर्ट मैदान में विजयदशमी उत्सव सह संघ का स्थापना दिवस मनाया, जिसमें संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन भी किया।
बुधवार को हुए इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री (जनजातीय मामले) अर्जुन मुंडा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय भी जुटे। हालांकि इस दौरान मुंडा व सरयू की आपस में बातचीत हुई, जबकि रघुवर से किसी की बात नहीं हुई। संघ प्रणाम के दौरान भी रघुवर अग्रिम पंक्ति में खड़े थे, जबकि मुंडा व सरयू के साथ सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा से निष्कासित भाजपा के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले व भारतीय जनतंत्र मोर्चा के जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव समेत अन्य स्वयंसेवक पीछे खड़े थे। रघुवर दास को छोड़कर इनमें से कोई गणवेश में भी नहीं था।
दुर्जन शक्तियों को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) से सेवानिवृत्त चीफ (मेडिकल सर्विसेज) डा. कैलाश प्रकाश दुबे उपस्थित थे। उन्होंने संघ के कार्य की सराहना करते हुए इसे वर्तमान समय में देश की आवश्यकता बताई। इससे पूर्व महानगर संघचालक वैद्यनाथन नटराजन, मुख्य अतिथि डा. केपी दुबे व रामकुमारजी (सह क्षेत्र प्रचारक, उत्तर पूर्व क्षेत्र) द्वारा शस्त्र पूजन किया गया। अपने बौद्धिक संबोधन में रामकुमारजी ने बताया कि जिस प्रकार से रक्तबीज की समाप्ति के लिए मां काली को उन्हें रोकना पड़ा था, उसी प्रकार आज समाज को दुर्जन शक्तियों को रोकना होगा। आज प्रत्येक नागरिक को जागृत होना होगा, अन्यथा भारत पुन: गुलाम हो सकता है। अंग्रेजों ने जब हमें गुलाम बनाया था, उसमें भी कारण हमारा असंगठित समाज था। उन्होंने मां से अजेय शक्ति की प्रार्थना की, जिससे शांति आए। उन्होंने कहा कि शक्ति ही शांति का आधार है। उन्होंने कहा संघ न तो एंटी मुस्लिम है और न ही एंटी इसाई है, बल्कि संघ प्रो हिंदू है। उन्होंने कहा कि संघ ने देश के लिए मरना नहीं, बल्कि जीना सिखाया है। जो भी व्यक्ति कण-कण में भगवान को देखता है, वह हिंदू है। भारतीय संस्कृति का वर्णन करते हुए कहा कि हमारी मां तुलसी पत्ता तोड़ने के पहले ताली बजाकर आज्ञा लेती थीं। हमारी संस्कृति में प्रकृति से कुछ लेने से पहले आभार प्रकट किया जाता है। जागृत सज्जन शक्तियों की सक्रियता परम आवश्यक है, क्योंकि आज समाज में दुश्मनों से जितना नुकसान नहीं हुआ है, उतना सज्जनों की निष्क्रियता से हुई है। सभी नागरिकों से आह्वान किया गया कि उन्हें एकजुट होकर भारत को परम वैभव की तरफ ले जाने का प्रयास करना चाहिए। इससे पूर्व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचलन व झांकी निकाली गई। सभा में विभाग कार्यवाह मनोज कुमार, विभाग प्रचारक सत्य प्रकाश भी उपस्थित थे।
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