Move to Jagran APP

Champai Soren: 'समय मिलता तो और काम करता', इस्तीफे देने के बाद गृह जिला पहुंचे चंपई सोरेन; बताई अपनी इच्छा

चंपई सोरेन ने इस्तीफा देने के बाद पहली बार शुक्रवार को अपने गृह जिले सरायकेला का दौरा किया और इस दौरान उनके स्वागत में कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाता लेकिन गठबंधन धर्म का पालन करना भी जरूरी था।

By Jitendra Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 06 Jul 2024 07:34 PM (IST)
Hero Image
शुक्रवार को सरायकेला पहुंचे सीएम चंपई सोरेन (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, आदित्यपुर/गम्हरिया। राजनीति के रंगमंच पर नियति के हाथों सत्ता से विमुख हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के चेहरे पर टीस साफ झलक रही थी।

हाल ही में झामुमो नेता हेमंत सोरेन के जेल से रिहा होने के बाद बनी नई राजनीतिक परिस्थितियों में चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा।

अपने गृह जिले पहुंचे चंपई सोरेन

इस्तीफा देने के बाद पहली बार शुक्रवार को अपने गृह जिला सरायकेला पहुंचे चंपई के स्वागत में उमड़ी कार्यकर्ताओं की भीड़ देखकर उनके चेहरे पर एक हल्की मुस्कान तो आई, पर मन के किसी कोने में अधूरे सपनों का बोझ भी साफ दिख रहा था।

लोगों का यह प्यार देखकर एक बार तो चंपई भी भावुक हो गए। आदित्यपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, जीवन में काम करने वाले व्यक्ति की इच्छाएं कभी पूरी नहीं होतीं। थोड़ा और समय मिलता तो राज्य के विकास के लिए और भी बहुत कुछ कर पाता। लेकिन गठबंधन धर्म का पालन करना भी जरूरी था।

पांच महीने तक सीएम पद पर रहे चंपई सोरेन

पांच महीने के छोटे से कार्यकाल में ही उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी, इस बात का मलाल उनके स्वर में साफ झलक रहा था। अपने कार्यकाल का लेखा-जोखा देते हुए चंपई ने कहा कि उन्होंने सीमित समय में ही राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर करने का भरसक प्रयास किया।

क्या बोले चंपई सोरेन?

उनके नेतृत्व में पुलिस भर्ती, शिक्षक भर्ती और रोज़गार से जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्य शुरू किए गए। चंपई सोरेन ने कहा कि शिक्षक नियुक्ति के साथ-साथ अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई थी।

युवाओं को नियुक्ति पत्र खुद के हाथों से देने की तमन्ना थी, जो अधूरी रह गई। अपने पांच महीने के कार्यकाल को सफल बताते हुए चंपई ने कहा कि इस दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी गई।

ये योजनाएं भी शुरू की गईं

उन्होंने कहा, शिक्षक बहाली, पुलिस विभाग में भर्ती, जनजातीय भाषाओं पर आधारित शिक्षकों की भर्ती और मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गईं।

चंपई ने यह भी बताया कि उनके गृह जिला सरायकेला में लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्री कालेज की मांग को देखते हुए दो नए डिग्री कालेज खोलने की घोषणा की गई थी।

हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनने के सवाल पर चंपई ने कहा कि उन्हें पद की लालसा नहीं है। उन्होंने कहा कि जनता के बीच रहकर ही उनकी सेवा करना चाहता हूं। कैबिनेट विस्तार के बारे में महागठबंधन जो भी निर्णय लेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा।

ये भी पढ़ें-

Hemant Soren की भाभी सीता सोरेन को आया गुस्सा, पूछा- कोल्हान टाइगर चंपई को JMM ने क्यों चुप कराया?

Hemant Soren: 'हेमंत ने चंपई सोरेन का इस्तीफा लेकर...', ये क्या बोल गए जीतन राम मांझी के बेटे

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।