Dhoni Latest Update News : धोनी ने इस आइपीएस अधिकारी पर ठोका 100 करोड़ का मुकदमा, मच गया हड़कंप
MS Dhoni 2014 आइपीएल के लिए सबसे बुरा साल था। यह वही साल था जब क्रिकेटरों पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा था। इसकी आंच धोनी तक भी पहुंच गई थी। बाद में आरोप झूठा साबित हुआ तो धोनी ने इस आइपीएस ऑफिसर 100 करोड़ का मुकदमा ठोक दिया...
By Jitendra SinghEdited By: Updated: Sat, 11 Dec 2021 10:02 AM (IST)
जमशेदपुर, जासं। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी क्रिकेट ही नहीं, हर मोर्चे पर चौके-छक्के लगाने का माद्दा रखते हैं। यह उन्होंने तब साबित कर दिया, जब उन्होंने आइपीएस अधिकारी के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा ठोक दिया।
यह मामला 2014 का है। उस वक्त आइपीएस अधिकारी संपत कुमार ने धोनी पर आरोप लगाया था कि धोनी ने आइपीएल मैच में फिक्सिंग की है। अधिकारी का यह दावा अखबार और टीवी में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। इसके बाद धोनी ने आइपीएस अधिकारी और एक प्रमुख टीवी चैनल के खिलाफ अदालत में मानहानि का केस दर्ज कराते हुए चुनौती दी कि वे इसके सुबूत पेश करें।
संपत कुमार की गुहार को कोर्ट ने किया दरकिनार
अब सात साल बाद इस मामले की सुनवाई होने जा रही है। ऐसे में आइपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार ने मद्रास उच्च न्यायालय में गुहार लगाई है कि इस मामले की सुनवाई ना की जाए। लेकिन कोर्ट ने धोनी के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया है।न्यायमूर्ति एन शेषशायी ने 2014 के आइपीएल सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग घोटाले के संबंध में संपत कुमार की याचिका को खारिज करने की अपील पर कहा कि इस समय ऐसी राहत नहीं दी जा सकती है, जब मुकदमा शुरू होने वाला है। अदालत ने तब आइपीएस अधिकारी को एक अतिरिक्त लिखित बयान दाखिल करने के लिए आवेदन करने की छूट दी और सुनवाई 15 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
आइपीएस अधिकारी संपत कुमार।
आइपीएस ने धोनी की अपील को बताया आधारहीन
आइपीएस ने कोर्ट में कहा था कि धोनी ने बिना किसी आधार के संपत कुमार और एक न्यूज चैनल पर मुकदमा दायर किया है। संपत कुमार ने तर्क दिया कि घोटाले की जांच के लिए नियुक्त समिति के समक्ष अपनी आधिकारिक क्षमता में किए गए बयान के लिए उन्हें मानहानि का सामना करने के लिए नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि वह एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) थे। लेकिन जज ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया।
2014 में ज़ी मीडिया ने मुकदमे के जवाब में कहा था कि उसने केवल घोटाले की जांच के लिए नियुक्त मुदगल समिति को संपत कुमार के बयान की सूचना दी थी। धोनी राष्ट्रीय और सार्वजनिक महत्व के मुद्दे पर चर्चा करने से मीडिया को रोकने की कोशिश कर रहे थे।
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