कहां से भारत में एंट्री और कैसे बनाते आधार कार्ड? बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
बांग्लादेशी घुसपैठिए को लेकर खुफिया विभाग की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। घुसपैठिया सबसे पहले बांग्लादेश से बंगाल आते हैं। कुछ दिन इधर-उधर बिताते हैं और फिर मस्जिद से संपर्क करते हैं। फिर निर्धारत दिन और तिथि सेट कर ऐसे शहर चले जाते हैं जहां उन्हें आसानी से सारी सुविधाएं मिल जाए। जांच में यह भी सच सामने आया कि अधिकांश युवक बांग्लादेश के रहने वाले हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। बांग्लादेशी घुसपैठिया पहले बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल पहुंचते हैं। कुछ दिनों तक इधर-उधर रहने के बाद वह मस्जिद से संपर्क साधते हैं। उसके बाद एक निर्धारत दिन और तिथि को वह ऐसे शहर में चले जाते हैं, जहां उन्हें आसानी से सभी तरह की सुविधा मिल सके।
खुफिया विभाग ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठिया का आसानी से अपना आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड के अलावा बिजली, पानी और टेलीफोन कनेक्शन तक ले लेते हैं, जिसका खुलासा किया गया था।
आजादनगर थाना में सामने आ चुके हैं कई मामले
खुफिया विभाग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का आधार कार्ड व वोटर कार्ड बड़े पैमाने पर धनबाद, खड़गपुर, बांकुड़ा, मुर्शिदाबाद में बनाए गए। बता दें कि जब झारखंड में पंचायत चुनाव हुआ था तो उस समय कपाली में नकली वोटर कार्ड का मामला भी सामने आ चुका है।यही नहीं 2018 में मकदमपुर निवासी एक एजेंट ने दर्जनभर से अधिक युवकों को फर्जी वीजा थमाकर ठग लिया था। जांच में पता चला कि अधिकांश युवक बांग्लादेश का था। इस तरह के कई मामले आजादनगर थाना में सामने आ चुका है।
बांग्लादेश से अवैध रूप से जमशेदपुर पहुंची महिला राबिया बसरी ने मानगो और रायरंगपुर में न सिर्फ नौ साल से अधिक समय गुजारे, बल्कि फर्जी तरीके से भारतीय पासपोर्ट हासिल कर अपने मुल्क भी लौट गई। इस बात का खुलासा एक फरवरी 2019 को मानगो थाना की पुलिस ने किया था।
नौ साल तक फर्जी पासपोर्ट बनाकर मानगो में रहे दंपत्ती
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