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इन तीन कारणों से पुरुषों में बढ़ता जा रहा प्रोस्‍टेट कैंसर का खतरा, जानें कैसे कम खर्च में कर सकेंगे इलाज

पुरुषों में प्रोस्‍टेट कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। अब यह कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है। अगर अभी से इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह और तेजी से बढ़ेगी। इसके लिए रोजमर्रा की दिनचर्या और खानपान में तत्‍काल बदलाव लाने की जरूरत है। डॉ. अभय कुमार ने इस संबंध में कई बातें कही।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 18 Sep 2023 09:48 AM (IST)
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पुरुषों में बढ़ता जा रहा प्रोस्‍टेट कैंसर का खतरा।

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। अब 50 से कम उम्र वालों को भी प्रोस्टेट कैंसर हो रहा है। इसकी रफ्तार ढाई प्रतिशत है। उक्त बातें कोलकाता स्थित मेडिका हाॅस्पिटल के यूरो ओंकोलाॅजिस्ट डा. अभय कुमार ने कहीं। सितंबर माह को प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। इस मौके पर साकची स्थित होटल जीवा में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

वक्‍त रहते संभलने की है जरूरत: डॉ. अभय कुमार

डा. अभय कुमार ने कहा कि पहले 65 वर्ष की उम्र के बाद लोगों में प्रोस्टेट कैंसर के मामले सामने आते थे, लेकिन अब यह कम उम्र में ही होने लगा है। इसका मुख्य कारण उन्होंने जीवनशैली में बदलाव, बाहरी खानपान और पर्यावरण प्रदूषण को बताया।

डा. अभय ने कहा कि इसका असर भले ही आपकी सेहत पर तत्काल नहीं पड़े, लेकिन आगे चलकर नुकसान जरूर होता है। ऐसे में आपको स्वस्थ रहने के लिए गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।

तमाम शोध के माध्यम से परिणाम सामने आ रहे हैं। अगर, जल्द ही जीवनशैली को नियंत्रित नहीं किया गया तो आने वाले समय में और तेजी से बीमारी बढ़ेगी। ऐसे में आपको स्वस्थ रहने के लिए अपनी दिनचर्या को बदलने की जरूरत है।

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आठ में एक व्यक्ति प्रोस्टेट कैंसर का शिकार

डा. अभय ने कहा कि हर आठ में एक व्यक्ति प्रोस्टेट कैंसर का शिकार होता है इसलिए इसके प्रति जागरूकता जरूरी है, जिससे इस बीमारी को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि 45 साल की उम्र के बाद अगर इस बीमारी के लक्षण महसूस हो, तो इसकी जांच अवश्य करानी चाहिए ताकि बीमारी जितनी जल्दी पकड़ में आएगी इलाज उतना ही बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि प्रोस्टेट कैंसर में रोबोटिक सर्जरी गेम चेंजर की भूमिका निभाता है। कम खर्च में बेहतर परिणाम इस पद्धति से मिल रही है।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण

  • उम्र 50 के बाद बार-बार पेशाब होना।
  • पेशाब कंट्रोल नहीं हो पाना। 
  • कई बार कपड़े में ही पेशाब हो जाता है। इस कारण से लोग बाहर जाने में संकोच करते हैं। 
  • दिन में जरूरत से ज्यादा पेशाब होना। 
  • पेशाब की धार रूक-रूक कर होना। 
  • पेशाब करने में जोर लगाना।
  • पेशाब में खून आना और कमर दर्द।

इस तरह से करें बचाव

  • रेड मीट का उपयोग ज्यादा नहीं करें। 
  • डीप फ्राई खाद्य सामग्री नहीं खाएं। 
  • खाने में फल और हरी सब्जियों को जरूर शामिल करें। 
  • हाई सोडियम वाले नमक से परहेज करें। 
  • जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। 

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