AC का तापमान 18 और शहर का 44 डिग्री, शरीर कैसे करेगा बर्दाश्त? दिमाग पर असर के साथ इसके और भी कई खतरे
देश के कई हिस्सों में गर्मी को लेकर त्राहिमाम जैसी स्थिति बनी हुई है। ऐसे में राहत पाने के लिए लोग एयर कंडीशनर का सहारा ले रहे हैं लेकिन इसके कई नुकसान हैं। अंदर एसी का तापमान 18 और शहर का 44 डिग्री है इस 26 डिग्री के अंतर को भला शरीर कैसे बर्दाश्त करेगा? जाहिर सी बात है कि इससे कई तरह की बीमारियों का खतरा बना रहता है।
एसी से निकलकर धूप में जाना खतरनाक
शहर में ‘सिक बिल्डिंग सिंड्रोम’ का खतरा
एसी में रहने से बढ़ी ये बीमारियां
अस्थमा-ब्रोंकाइटिस मरीजों को एसी में नहीं रहने की सलाह
ये भी पढ़ें:झुलस रहा झारखंड, राज्य के कई हिस्सों में पारा 45 डिग्री के पार; अभी इस दिन तक राहत की नहीं कोई उम्मीदJharkhand News : थानेदार या जल्लाद! युवक को लाठियों से खूब पीटा, थूक भी चटाया; झारखंड की रूह कंपा देने वाली घटना
एसी का कम टेंपरेचर लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है। इसके प्रति जागरूक होने की जरूरत है। एसी का टेंपरेचर 24 से 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रखना चाहिए। एसी से निकलकर सीधे बाहर नहीं जाना चाहिए। इससे कई तरह की परेशानियां सामने आ रही है - डा. अरुण कुमार, न्यूरो फिजिशियन, ब्रह्मानंद अस्पताल मौसम में उतार-चढ़ाव होने से शरीर बर्दाश्त नहीं कर पाता है। इस वजह से अभी सर्दी-खांसी, बुखार, वायरल इंफेक्शन के मरीज लगातार पहुंच रहे हैं। बच्चे, गर्भवती, बुजुर्गों का इम्यूनिटी कमजोर होता है, ऐसे में उनको विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है-
डा. उमेश खां, फिजिशियन।
एसी में ज्यादा देर तक रहने से त्वचा का रूखापन बढ़ जाता है जिससे त्वचा रोग होता है। सोरायसिस के अलावा एक्जिमा और स्किन एलर्जी वाले लोगों को भी एसी में रहने से पहले चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए - डा. राजीव ठाकुर, चर्म रोग विशेषज्ञ