भाड़े के पैसों से कबाड़ लेकर बना दी इलेक्ट्रिक बाइक, IDTR के विद्यार्थियों का कमाल; आपका सपना पूरा करना इनका उद्देश्य
Electric Bike आइडीटीआर के डिप्लोमा इन टूल एंड डाई अंडर मैकेनिकल कोर्स के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने कम खर्च में इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की है। इस बाइक को बनाने में मात्र 33 हजार रुपये खर्च आया है। खर्च हुए पैसों का जुगाड़ अन्य छात्रों एवं दोस्तों से उधार मांगकर किया गया है। बाइक सिंगल चार्ज में 30 किमी तक जा सकती है।
By Jagran NewsEdited By: Aysha SheikhUpdated: Mon, 16 Oct 2023 08:50 AM (IST)
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। सरायकेला-खरसावां जिला के गम्हरिया स्थित इंडो डेनिस टूल रूम (आइडीटीआर) के पांच विद्यार्थियों ने भाड़े के पैसों से कबाड़ लेकर इलेक्ट्रिक बाइक तैयार की है। वह भी मात्र एक सप्ताह में। विद्यार्थियों ने अपने स्तर से बनाई गई बाइक का नाम एरावत रखा है।
बाइक को बनाने वाले गम्हरिया के सुधांशु शेखर महतो, आदित्यपुर मंगलम सिटी के आयुष कुमार, आदित्यपुर के एस टाइप के अर्णव घोष, भूईयांडीह के युवराज सिंह एवं एग्रिको के हिमांशु ने बताया कि वे लोग संस्थान से डिप्लोमा इन टूल एंड डाई अंडर मैकेनिकल कोर्स के प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी है।
बाइक का डिजाइन किया जा सकता है अपडेट
इस बाइक का डिजाइन ग्राहकों की मांग के अनुसार भी अपडेट किया जा सकता है। वर्तमान में तैयार की गई बाइक का वजन 60 किलोग्राम है। इसमें 48 वोल्ट की लैड एसिक बैटरी लगी हुई है। इस बैटरी को घर में चार्ज होने में दो से तीन घंटे का समय लगेगा।सिंगल चार्ज में कितनी चलेगी बाइक?
एक सिंगल चार्ज में यह बाइक 30 किमी तक जा सकती है। इसका प्रयोग छात्रों ने अपने स्तर से भी किया है। छात्रों ने बताया कि वे इसे स्टार्ट अप के रूप में देख रहे हैं। ये विद्यार्थी अब पेटेंट की दिशा में आगे बढ़ेंगे। इस बाइक को बनाने में लगभग 33 हजार रुपये खर्च आया है। खर्च हुए पैसों का जुगाड़ अन्य छात्रों एवं दोस्तों से उधार मांगकर किया गया है।
इस बाइक को सौर्य ऊर्जा से भी चलाया जा सकता है। इसके लिए अलग से एक स्थान छोड़ा गया है। बस इस बाइक में अतिरिक्त बैटरी लगानी होगी। इलेक्ट्रिक चार्ज खत्म होने पर सोलर अपने आप चालू हो जायेगा। इस बाइक को टाटा कमिंग्स द्वारा आयोजित मैन्यूफेक्चरिंग प्रदर्शनी में भी प्रदर्शित किया गया है।
आर्थिक सहयोग की आवश्यकता
एरावत बाइक को बाजार में उतारने से पहले विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है। यह सहयोग उद्योगपतियों या सरकार के माध्यम से भी हो सकता है। एक नई शुरुआत की जा सकती है।
आर्थिक सहयोग मिलेगा तो बाजार में 50-60 हजार रुपये में बाइक आसानी से प्राप्त हो सकती हैं। मध्य वर्गीय परिवार इस बाइक को आसानी से खरीद सकते हैं। यहीं इन विद्यार्थियों का उद्येश्य भी है। वर्तमान में कोई भी बाइक या इलेक्ट्रिकल बाइक एक लाख रुपये से नीचे नहीं आती है।
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