वन क्षेत्र में नियमों को ताक में रखकर बिछाए जा रहे इलेक्ट्रिक पोल, करंट की चपेट में आकर हो रही हाथियों की मौत
पूर्वी सिंहभूम जिले में करंट लगने से 5 हाथियों की मौत ने वन विभाग से लेकर आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है। जहां की यह घटना है वहां हाथी पिछले 33 सालों से आ रहे हैं। हाथी किसी को परेशान नहीं करते हैं और इनकी याददाश्त इतनी तेज होती है कि ये अपना रास्ता कभी नहीं भूलते लेकिन इस बार ग्रामीणों ने इन्हें खूब परेशान किया।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 23 Nov 2023 05:00 PM (IST)
संसू, मुसाबनी। पूर्वी सिंहभूम जिले में करंट लगने से 5 हाथियों की मौत ने वन विभाग से लेकर आम लोगों को झकझोर कर रख दिया है। जहां घटना घटी इस रूट पर हर वर्ष हाथियों का दल आता रहता था। दो चार दिन आराम करके फिर चला जाता था। इस बार ग्रामीणों ने हाथियों को इतना परेशान किया कि हाथी आक्रामक होकर लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया है।
हाथी कभी नहीं भूलते हैं अपना रास्ता
बेथल होम बेनाशोल के निदेशक लिविंगस्टन जोशेफ ने बताया कि वे वर्ष 1990 से इस रास्ते से हर वर्ष हाथियों को आते-जाते देख रहे हैं। हाथी कभी किसी को परेशान नहीं करता था। 33 वर्ष से इसी रास्ते से हाथियों का दल गुजरता रहा है।
मंगलवार रात 8 बजे भी हाथी को उन्होंने अपने घर के आगे मैदान से घटनास्थल की ओर जाते देखा था। हाथी से बचने के लिए उन्होंने अपने घर के बाहर रात भर मशाल जला रखा था।
कहते हैं कि हाथी अपना रास्ता कभी नहीं भूलते। हाथियों का वह दल आज भी इन गांवों से गुजरता और ठहरता है। क्षेत्र को देखता है और सूंढ़-कान हिलाता हुआ कुछ देर बाद आगे बढ़ जाता।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करें
हाथी की याददाश्त होती है काफी तेज
हाथियों के मौत के बाद दल से बिछड़े अन्य हाथियों के आतंक से डरे हुए ग्रामीण जान बचाने के लिए गांव में बने पक्के मकानों की छतों पर चढ़ अपनी जान बचा रहे हैं।वन्यजीव विशेषज्ञ भी मानते हैं कि सामाजिक व्यवहार वाले हाथी जिस रास्ते से गुजरते हैं उसे भूलते नहीं और बार- बार वहां से गुजरते हैं। हाथी की याददाश्त तेज होती है। इनका विचरण क्षेत्र भी निर्धारित होता है। वे बिना नुकसान पहुंचाए निकल जाते है।
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